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कर्मो की गति अनुसार फल की होती है प्राप्ति: आस्था दीदी

मुलताई।ब्रह्माकुमारीज द्वारा बैतूल रोड मंगलवार बाजार स्थल पर आयोजित सप्त दिवसीय गीता ज्ञान यज्ञ में योग शक्ति आस्था दीदी द्वारा गुरुवार को भगवत गीता के पांचवें दिन कर्मों की गहन गति को स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्तमान तक हम 84 लाख योनियों को मानते आए किंतु आज ये पहचान मिली 84 लाख योनियां तो जरूर है लेकिन हम 84 लाख योनियों में नहीं जाते हैं। जबकि हमारे कम से कम एक जन्म और अधिक से अधिक 84 जन्म होते हैं। जैसा कर्म वैसा फल की प्राप्ति होती है जिस तरह आम के बीच से आम का फल निकलता है, ठीक इसी प्रकार श्रेष्ठ कर्मों का फल सुख किंतु भ्रष्ट कर्म का फल दुख की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ स्पष्ट किया कि हम अपनी 84 जन्म इस बेहद की सृष्टि में किस प्रकार से लेते हैं। जिसमें स्वर्ग और नर्क, मृत्युलोक-अमरलोक रामराज्य-रावणराज्य सब इसी सृष्टि पर है।इसके अंदर अनेक पात्र जैसे श्री राम,सीता,रावण, विभीषण,सूर्पनखा जैसे अनेक पात्रों का भी आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट किया।कार्यक्रम में नगर के अनेको श्रद्धालुओं ने कथास्थल पर पहुंचकर श्रीमद् भागवत गीता श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया जा रहा है।

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