मुलताई। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युग दृष्टा वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पूज्य गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी ने गायत्री परिवार की स्थापना के साथ ही युग निर्माण की संकल्पना की इस युग निर्माण की संकल्पना में व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण तथा समाज निर्माण की भी संकल्पना की। इसी आधार पर उनके द्वारा विभिन्न रचनात्मक आंदोलन चलाए गए जिनमें व्यक्ति निर्माण के लिए बाल संस्कार शाला पर विशेष जोर दिया गया इसमें 4 से 15 वर्ष के बालक बालिकाओं को भारतीय संस्कृति ज्ञान, साफ सफाई, परिवार में बड़ों का आदर सम्मान करना एवं परिवार में आदर्श जीवन जीने की कला सिखाई जाती है।
परम पूज्य गुरुदेव की बाल संस्कार शालाओं की संकल्पना को पूरा करने एवं घर-घर में भारतीय संस्कृति की मूल अवधारणा को स्थापित करने के लिए विकासखंड प्रभात पट्टन एवं विकास खंड मुलताई के विभिन्न ग्रामों में गायत्री परिजनों द्वारा एक साथ विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बाल संस्कार शालाओं का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुल्ताई में गायत्री शक्ति पीठ में मुख्य ट्रस्टी संपत राव घोटे के मार्गदर्शन अनिल परिहार, एवं मनोहर बड़घरे द्वारा 30बच्चो की उपस्थिति में बाल संस्कार शाला का शुभारंभ किया गया। एवं प्रभात पट्टन विकास खंड क विभिन्न ग्रमो में भी बाल संस्कार शालाओ को प्रारम्भ किया।