नगरपालिका सभाकक्ष में जमकर मचा हंगामा,पार्षदों में हुई जमकर बहस

मुलताई,ताप्ती समन्वय। नगर पालिका सभा कक्ष में मंगलवार तीन बजे से परिषद की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें 45 मुद्दों पर चर्चा एवं निर्णय लिया जाना था। परिषद की बैठक के पहले बिंदु पर एक राष्ट्र एक चुनाव के संबंध में विचार तथा निर्णय लिया गया। जैसे ही हरदोली जलाशय में मछली पालन हेतु दिए गए ठेके को निरस्त किए जाने के संबंध के प्रस्ताव को पढ़ा गया वैसे ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए पटेल वार्ड पार्षद सुरेश पौनीकर ने विरोध शुरू कर दिया जिसके बाद नेहरू वार्ड पार्षद तथा सुरेश पौनीकर में जमकर बहस हुई। पटेल वार्ड पार्षद सुरेश पौनीकर का कहना है कि 27 परिवार की रोजी रोटी छीनने के लिए ठेका निरस्त नहीं होना चाहिए। वही नेहरू वार्ड पार्षद रितेश विश्वकर्मा ने कहा कि नियमानुसार ठेका नहीं दिया गया है। जिस समिति के नाम से ठेका है उसके अध्यक्ष द्वारा उन पर दो लाख रुपए रिश्वत मांगने के झूठे आरोप लगाए है। इसी को लेकर परिषद के बैठक में वोटिंग कराई गई। ठेका निरस्त करने के पक्ष में अध्यक्ष सहित कुल सात ने सहमति दी जबकि ठेका यथावत रखने के पक्ष में 8 ने अपनी सहमति दी। नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा गढ़ेकर ने ठेका निरस्त करने के पक्ष में अपना मत देते हुए कहां की हमारी जवाबदारी नगर की जनता के स्वास्थ्य के साथ भी होना चाहिए यह ठेका पूर्व नगर पालिका ने नियम विरुद्ध दिया था। जब बैठक का एजेंडा ही नहीं निकाला गया था तो प्रस्ताव नियम अनुसार कैसे हो सकते हैं। यहां उल्लेखनीय है कि हाल ही में नगर में फैली डायरिया बीमारी के चलते हरदौली बांध के जल की हुई जांच में हानिकारक तत्व पाए गए थे तभी से नागरिकों एवं पार्षदों द्वारा बांध में मछली पालन ठेका निरस्त कीए जाने की मांग उठने लगी है। नागरिकों का मानना है कि यह नगर की जनता के स्वास्थ्य जुड़ा मामला है इसलिए ठेके से जुड़े संपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
पूर्व अध्यक्ष नीतू परमार आंबेडकर वार्ड पार्षद शिल्पा शर्मा में हुई तीखी बहस
नगर पालिका सभाकक्ष में जारी बहस के बाद आंबेडकर वार्ड पार्षद शिल्पा शर्मा द्वारा पूर्व अध्यक्ष नीतू परमार से परिषद के पूर्व कार्यकाल के दौरान किए गए कामों को लेकर जमकर बहस शुरू हो गई। इसी बीच बैठक में भारी हंगामा होता देख अध्यक्ष वर्षा गढ़ेकर ने शांति पूर्वक बैठक करने का आग्रह किया। इसी बीच हरदोली डेम पर मछली पालन हेतु लिखे गए प्रस्ताव को निरस्त कर सभी प्रस्ताव पारित किए गए। जिसके चलते हरदोली जलाशय में मछली पालन का ठेका यथावत रहेगा।