नगर के गांधी चौक में कभी भी घट सकता है भीषण अग्नि कांड फायर ब्रिगेड एवं एम्बूलेंस के पहुंचने में अतिक्रमण तथा सड़क पर खड़े वाहन बनेंगे बाधा
मुलताई,ताप्ती समन्वय। इन दिनों प्रदेश तथा देश में लगातार भीषण अग्नि कांड की घटनाएं घटित हो रही है। जिसमे कई की जिंदा जलकर मौत भी हो चुकी है ताजा मामलो में गुजरात का राजकोट तथा दिल्ली का बेबी केयर सेंटर सुर्खियों में है। बेबी केयर सेंटर में सात नवजात शिशुओं की अग्नि कांड में मौत हुई। जबकि राजकोट गेमिंग सेंटर में लगभग 42 व्यक्ति आगजनी हादसे का शिकार हो गए।
निकट भविष्य में यदि नगर के गांधी चौक में यदि कोई अग्नि कांड की घटना घटित होती है तो यह फायर ब्रिगेड को तथा एंबुलेंस को पहुंचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्य सर्राफा बाजार के साथ ही रहवासी क्षेत्र है। यहां राष्ट्रीय पर्वो के साथ ही गांधी जयंती सहित अन्य सार्वजनिक सभाओं का आयोजन भी होता है। ऐसे में यदि कोई भीषण आगजनी या अन्य हादसा घटित हो जाए तो यहां सहायता पहुंचाने के लिए प्रशासन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। लेकिन मदद पहुंचाने में प्रशासन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। गौर तलब है कि गांधी चौक पहुंचने के लिए मुख्य रूप से जय स्तंभ, फव्वारा चौक, बिरुल तिराहा तथा आंबेडकर चौक से पहुंच सकते है। किंतु उक्त सभी मार्गो पर घरों के सामने ही अपने दो पहिया, चौपहिया वाहनों को खड़ा रखा जाता है। वही उक्त सभी मार्गो पर दुकानें होने से बेचने हेतु सड़क किनारे स्टूल ब्रेंच आदि रखकर उस पर सामान रख दिया जाता है। जिसके कारण उक्त सभी मार्गो पर त्वरित मदद पहुंचना संभव नजर नहीं आता।
गौरतलब है की बीते कुछ वर्षों पूर्व गांधी चौक में पुरुषोत्तम चंदेल के गुलाब माचिस तथा महाराजा चाय के गोदाम में भीषण अग्नि कांड हुआ था उस दौरान भी फायर ब्रिगेड मौके तक नही पहुंच पाई थी। जिससे गोदाम में रखी लाखो रूपयो की चाय पत्ती एवं गुलाब माचिस जलकर खाक हो गई थी। इसी तरह राजेंद्र अग्रवाल के सुतली सहित अन्य सामान के गोदाम में आग लग गई थी जिसके बाद वहां तक फायर ब्रिगेड पहुंच नही पाई थी बड़ी मुश्किल से यहां लगी आग को बुझाया जा सका था।
राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त 26 जनवरी को गांधी चौक में जमा होते है सैकड़ो विद्यार्थी
राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त तथा 26 जनवरी को बड़ी संख्या में स्कूली विधार्थी ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होते है। वही गांधी जयंती सहित अन्य धार्मिक राजनैतिक आयोजन भी यहा आयोजित किए जाते है। ऐसे में यदि कोई बड़ी आगजनी या मेडिकल इमरजेंसी की नौबत आ जाए तो प्रशासन के हाथ पाव फूल जायेंगे किंतु मदद पहुंचने के लिए उन्हें अतिक्रमण के मकड़ जाल से जूझना पड़ेगा। निकट भविष्य ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा नगर के प्रमुख मार्गो खासकर गांधी चौक पहुंच मार्ग पर फैले अतिक्रमण के मकड़ जाल को हटाने के साथ ही सड़कों पर खड़े किए जाने वाले वाहनों को हटवाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। ताकी निकट भविष्य में किसी गंभीर घटना, आगजनी की वारदात के बाद गांधी चौक सहित अन्य मार्गो पर इमरजेंसी में शासन प्रशासन त्वरित सहायता उपलब्ध करा सके।