Wed. Jan 15th, 2025

पोला पर्व को लेकर बैलों को सजाने की सामग्री की सजी दुकानें

मुलताई। महाराष्ट्रीयन घालमेल का पर्व पोला नगर सहित बैतूल जिले में धूमधाम से मनाया जाता है।पोला पर्व किसानों के सहयोगी बैलों का त्योहार है। इस दिन बैलों को नहला धुलाकर आकर्षक सजावट की जाती है। पोला पर्व के पूर्व बैलों की साज सज्जा की सामग्री की दुकानें बाजार में सज गई है। जहां रंग बिरंगे रस्से मछोंडी, मोरखा, घांघरमाल, झूल, मोरपंख तुर्रे, रंग बेगड़ सहित अन्य साज सज्जा का सामान उपलब्ध है। उल्लेखनीय है कि पोला पर्व के एक दिन पहले बैलों को नहला धुलाकर शाम के समय उनके कंधों की घी हल्दी से मालिश की जाती है। जिसके बाद पूजा अर्चना कर पकवान का भोग लगाया जाता है। उल्लेखनीय है कि बैल किसानों के खेतों में वर्षभर खेती के काम में सहयोगी होते है। जिसके चलते उन्हें साल भर में दो दिन खांदमलनी तथा पोले के दिन खेत में काम नहीं कराया जाता। किसान अपने बैलों को आकर्षक तरीके से सजाते है जिसके बाद पोला ग्राउंड पर लगी तोरण के नीचे ले जाते है। जहा ग्राम पटेल द्वारा सामूहिक रूप से बैलों की पूजा कर पोला पर्व की किसानों को बधाई दी जाती है,जिसके बाद तोरण लूटने के साथ पोला पर्व का समापन किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *