बैंड बाजे की धुन पर निकाली संपूर्ण परिक्रमा पदयात्रा,हजारों श्रद्धालु हुए शामिल
मुलताई। पुण्यसलिला सूर्यपुत्री मां ताप्ती के उद्गम स्थल से गुरुवार सुबह बाजे गाजे और मां ताप्ती के जयकारों के साथ संपूर्ण परिक्रमा पदयात्रा का शुभारंभ हुआ। सुबह 9 बजे मां ताप्ती मंदिर में पूजा अर्चना और आरती के उपरांत मां ताप्ती के जयकारों के साथ पदयात्रियों ने पावन ताप्ती सरोवर की परिक्रमा की। परिक्रमा के उपरांत ताप्ती कुंड गली से यात्रा कामधेनु चौक पहुंची। जहां से बाजे गाजे और जयकारों के साथ पदयात्री यात्रा के प्रथम पड़ाव मरही माता मंदिर पहुंचे। पदयात्रा में हजारों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। नगरीय क्षेत्र से यात्रा के गुजरने के दौरान यात्रा में शामिल मां ताप्ती रथ में विराजित मां ताप्ती की जगह जगह श्रद्धालुओं ने पूजा की। साथ ही रथ में विराजित पावन ताप्ती जल कलश की भी पूजा अर्चना की। जगह जगह नागरिकों ने पद यात्रियों पर पुष्प वर्षा कर यात्रियों का स्वागत किया। यात्रा के मरही माता मंदिर पहुंचने पर मंदिर में पूजा अर्चना की गई। मरही माता मंदिर में मंदिर समिति द्वारा यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को भंडारा प्रसादी वितरित की। नगर के मध्य से पदयात्रा के गुजरने के दौरान भी यात्रियों के लिए श्रद्धालुओं ने पेयजल, चाय और बिस्किट की व्यवस्था की थी। सांडिया, चंदोरा, सिरसावाड़ी होते हुए ग्राम ताईखेड़ा पहुंचेंगे। जहां ताप्ती मंदिर में दोपहर का भोजन करने के बाद पदयात्री अगले पड़ाव की ओर रवाना होकर शाम तक जयकारे लगाते हुए ग्राम नया बोरगांव पहुंचेंगे। जहां रात्रि विश्राम होंगा। मार्ग में हर ग्राम में पदयात्रियों के स्वागत की तैयारी ग्रामीणों द्वारा की गई।
समिति के सदस्यों ने बताया उदगम स्थल से प्रारंभ होकर पदयात्री दक्षिण तट से नदी के समीप पदयात्रा करते हुए सूरत समुंद्र संगम डूम्मस तक पहुंचकर वापस हजीरा से पदयात्रा प्रारंभ कर 5 मार्च को मुलताई उद्गम स्थल पर पहुंचेंगे 64 दिनों में लगभग 1600 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर यह संपूर्ण परिक्रमा पदयात्र संपन्न होगी।