भुजलिया पर्व पर अखाड़े के पहलवानों ने दिखाए हैरत अंगेज करतब
मुलताई। नगर में भुजलिया पर्व पर नवयुवक जय बजरंग अखाड़ा साहू समाज समिति द्वारा अखाड़ा निकला जाते रहा है। इसी तारतम्य में मंगलवार को अखाड़े के पहलवानों ने हेरतअंगेज करतब दिखाए। अखाड़े के एक पहलवान द्वारा नुकिली किलो की सैय्या पर लेटकर अपने सीने पर भारी भरकम लकड़ी का पाटा रखवाकर सीने पर से लगातार 3 मोटर सायकिले डबल सीट चलवाई। जिसे देखकर दर्शक दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर नजर आए। अखाड़े के सदस्यो ने बताया कि सन् 1947 से प्रारंभ हुए प्राचीन नवयुवक बजरंग अखाड़ा की समिति द्वारा सतत 78 वर्ष से नागपंचमी के पर्व पर विधि-विधान से शस्त्र पूजन के साथ अखाड़ा का अभ्यास प्रारंभ किया जाता है। नगर में रक्षा बंधन के बाद भुजरिया पर्व पर अखाड़ा निकालने की परंपरा है। देश को आजादी मिलने के साथ ही नगर में बुजुर्गो द्वारा अखाड़ा प्रारंभ किया गया था जो सतत 78 वर्षों से चल रहा है। कई पीढ़ियों ने इस अखाड़े में अपने हुनर तथा करतब किए जाते है। जिसमे बच्चों सहित युवा वर्ग अखाड़े से जुड़ता रहा है जिससे प्रतिवर्ष भुजरिया पर्व पर अखाड़े का सार्वजनिक प्रदर्शन किया जाता है। जिसमें लाठी, तलवार, भाला आदि शस्त्रों से अभ्यास कर प्रदर्शन किया जाता है।
भुजरिया पर्व पर नवयुवक बजरंग अखाड़ा द्वारा गाजे बाजे के साथ समाज की महिलाएं सर पर भुजलिया लेकर अखाड़ा के साथ शक्ति प्रदर्शन कर एकता का परिचय देते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है जिसमें सदस्यों द्वारा एक से बढ़कर एक हैरत अंगेज प्रदर्शन कर दर्शकों को दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया। विशेष रूप से अखाड़े में भारी बाइक उठाना, नुकीली कीलों पर लेटकर छाती पर से मोटर सायकल गुजारना, सिर पर टयूब लाईट फोड़ने, 1 किन्टल वजनी पत्थर सीने पर रखकर फोडना, आग में से निकलना तलवार बाजी, लाठी भाला घुमाना, शरीर पर टूय्बलाईट फोडना, भारी वाहन खिचना, टाइल्स फोड़ना, हाथो से नारियल फोड़ाना, मुह से आग निकालना, अन्य हैरतंगेज करतब प्रदर्शन देखने के लिए जगह-जगह नगरवासी बड़ी संख्या में नजर आए।