मराठी विवाद को लेकर मुंबई लोकल ट्रेन में पिटाई के बाद 19 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली
महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले में हुई एक हृदयविदारक घटना ने बढ़ती असहिष्णुता पर आक्रोश और गहरी चिंता पैदा कर दी है। 19 वर्षीय प्रथम वर्ष के विज्ञान के छात्र ने मंगलवार शाम कल्याण पूर्व स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली। कुछ ही घंटों पहले मुंबई की एक लोकल ट्रेन में मराठी न बोलने पर उस पर कथित तौर पर हमला किया गया था।
पुलिस के अनुसार, यह हमला मंगलवार सुबह कल्याण और ठाणे स्टेशनों के बीच हुआ, जब छात्र मुलुंड स्थित अपने कॉलेज जा रहा था। सहायक पुलिस आयुक्त कल्याणजी गेटे ने बताया कि किशोर ने भीड़ भरे डिब्बे में एक यात्री से आगे बढ़ने का अनुरोध किया था। उस व्यक्ति ने कथित तौर पर उसे “मराठी न बोलने” के लिए डाँटा, जिसके बाद बहस बढ़ गई।
इसके बाद यात्री और पाँच अन्य लोगों ने छात्र को घूँसे मारे और पीटा, जिससे वह डर गया और शारीरिक रूप से हिल गया। अस्वस्थ और अभिभूत महसूस करते हुए, वह ठाणे स्टेशन पर उतर गया और मुलुंड जाने वाली दूसरी ट्रेन में सवार हो गया।
वह अपने सभी व्याख्यानों में शामिल नहीं हुआ और जल्दी घर लौट आया। बाद में उसने अपने पिता को फ़ोन करके इसकी सूचना दी, जहाँ उसके पिता ने उसकी आवाज़ में डर और परेशानी महसूस की। शाम को जब पिता घर लौटे, तो उन्होंने दरवाज़ा अंदर से बंद पाया। पड़ोसियों की मदद से उन्होंने दरवाज़ा तोड़ा और अपने बेटे को मृत पाया।
पिता ने आरोप लगाया है कि पिटाई से किशोर को गंभीर मानसिक तनाव हुआ, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने दुर्घटनावश मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हमलावरों की पहचान और मार्ग पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जाँच जारी है।
इस घटना ने एक बार फिर लोकल ट्रेनों में सुरक्षा, युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और भाषा संबंधी उत्पीड़न की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जिससे ऑनलाइन व्यापक प्रतिक्रियाएँ हुई हैं।
