मां ताप्ती बहाव क्षेत्र जलमार्ग का प्रारंभ हुआ सीमांकन

मुलताई। पुण्य सलिला मा ताप्ती को मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2009 में पवित्र नगरी का दर्जा दिया था। किंतु पवित्र नगरी क्षेत्र में पालन होने वाले नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा था। वही पूर्व में मुलताई नगरी में महाकाल लोक की तर्ज पर ताप्ती लोक तथा कॉरिडोर बनाने की घोषणा भी की जा चुकी लेकीन धरातल पर कोई कार्य नजर नहीं आ रहा था। अब प्रशासनिक स्तर पर पवित्र नगरी ताप्ती उद्गम स्थल में 1अप्रैल से शराब बंदी तथा जल गंगा संवर्धन अभियान के माध्यम से जल स्त्रोतों के रखरखाव संरक्षण संवर्धन की दिशा में कार्य प्रारंभ हो चुके है। मा ताप्ती उद्गम स्थल के जलप्रवाह मार्ग तथा इस पर किए गए अतिक्रमण को चिन्हांकित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए संवेदनशील जिला कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देश पर शनिवार राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन का कार्य प्रारंभ किया गया। आर आई रवि पदाम, पटवारी सोहबत धुर्वे, कमल परते नगर पालिका राजस्व निरीक्षक जीआर देशमुख तथा नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा ताप्ती जी की प्रथम पुलिया से दक्षिण दिशा में जल प्रवाह मार्ग का सीमांकन रोवर मशीन के माध्यम से किया गया। जिसमें कई स्थानों पर जल प्रवाह मार्ग अपने मूल स्थान से हटकर बहते पाया गया। जिसका सीमांकन किया गया। इसी तरह अनेकों स्थानों पर पक्के अतिक्रमण भी पाए गए।
56 को जारी किए गए सीमांकन के दौरान उपस्थित रहने के नोटिस
सीमांकन कार्य का जिम्मा संभाल रहे नजूल आर आई रवि पदाम ने बताया कि ताप्ती उद्गम स्थल से मुलताई नगर सीमा के अंतर्गत ताप्ती जलप्रवाह मार्ग पर चिन्हित पाए गए अतिक्रमण धारकों को जिनकी संख्या 56 है नोटिस जारी किए जा चुके है।आरआई रवि पदाम ने बताया कि सभी 56 अतिक्रमण धारकों को मौके पर सीमांकन की कार्यवाही के दौरान उपस्थित रहने को कहा गया था।