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मुलताई का नाम मुलतापी किया जाए:हनी भार्गव

मुलताई। युवा समाज सेवी हनी भार्गव ने पुण्य सलिला मां ताप्ती की पावन नगरी जिसे राजस्व तथा प्रसाशनिक तौर पर मुलताई के नाम से जाना जाता है। जबकि मां ताप्ती का उद्गम स्थल होने के कारण मुलताई का नाम मुलतापी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूर्य पुत्री मां ताप्ती नगर से निकलकर कई ग्रामों तथा प्रदेशों की सीमाओं को पार कर निवास करने वाले श्रद्धालु भक्तों को अपने निर्मल पावन जलधारा से पल्लवित करते हुए गुजरात के डूमस में खम्बात की खाड़ी में सागर में समाहित होती है। मुलताई से मां ताप्ती का उद्गम होने से नगर का नाम मुलतापी किया जाना चाहिए।
उन्होंने पवित्र नगरी में निवास करने वाले समस्त श्रद्धालु भक्तो से विनम्र आग्रह करते हुए कहा है कि आगामी दो दिनों बाद भगवान भोले नाथ को प्रसन्न करने वाले पावन महीने का प्रथम श्रावण सोमवार है। नगर में मा ताप्ती के तट पर स्थित प्राचीन तप्तेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग जो कि बालू से निर्मित है। श्रद्धालु भक्तो द्वारा अर्पित किए जाने वाले पंचामृत अर्पण करने के दौरान शिवलिंग का लगातार क्षरण हो रहा था। उक्त प्राचीन तथा चमत्कारिक धरोहर को संरक्षित किए जाने की दिशा में गणमान्य नागरिकों तथा ब्राम्हणगणों से विचार विमर्श के बाद प्राचीन शिवलिंग को धातु से बने कवच के माध्यम संरक्षण करने की पहल की है। जिसका सभी भक्त अनुसरण कर प्राचीन शिवलिंग को क्षरण से रोकने में नई व्यवस्था के अनुरूप विधिविधान से पूजन कर सहयोग प्रदान की अपील की है।

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