समरसता यात्रा में शामिल यात्री का किया जोरदार स्वागत
मासोद। समरसता एवं सद्भावना के साथ शांति का संदेश देने के लिए मासोद से 10 सदस्यों का दल 20 दिन पूर्व 6 राज्यों से होते हुए नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर तक की यात्रा यात्रा पर रवाना हुआ था। मां शारदा के दर्शन के साथ हुई यात्रा मैहर से प्रारंभ होकर नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर होते हुए डोंगरगढ़ के मां बमलेश्वरी मंदिर पर यात्रा का समाप्त हुई। यात्रा के दौरान यात्रियों ने समरसता एवं शांति व सद्भावना का संदेश दिया। यात्रा मेंमासोद से 10 सदस्यों का दल 20 दिवसीय यात्रा कर मासोद पहुंचने पर ग्रामीणों ने तिलक लगाकर बैंड बाजे के साथ सम्मान किया।
शिव मंदिर में किया जलाभिषेक
श्रद्धालुओं का दल आज मासोद के भारत माता मंदिर पहुंचा जहां पर श्रद्धालुओं का सम्मान किया गया। श्रद्धालुओं ने भारत माता मंदिर से प्राचीन शिव मंदिर तक कावड़ यात्रा निकालकर भगवान भोलेनाथ का पांच नदियों से लाये गए पवित्र जल से जलाभिषेक कर क्षेत्र में सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की।
श्रद्धालु नामदेव प्रजापति, बाबू कटारे, देव सिंह ठाकुर, प्रकाश साहू, रामकुमार अग्निहोत्री, गुड्डू दाबड़े, अनिल ठोके, ललित धोटे, राजा देशमुख, प्रकाश चौहान ने बताया कि 20 दिन पूर्व हमारा दल निजी वाहन मासोद से मैहर पहुंचा। जहां मां शारदा के दर्शन कर चित्रकूट अनुसूया माता मंदिर पहुंचे। जिसके बाद गुप्त गोदावरी होते हुए राम भरत मिलाप चित्रकूट पहुंचे, आगे बढ़ते हुए प्रयागराज संगम स्थल पर जनमानस को प्रेम स्नेह एवं सनातन धर्म को बनाए रखने की अपील की। वाराणसी की ओर बड़े वाराणसी से विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर अयोध्या राम मंदिर पहुंचे। वहीं से नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर एवं जनकपुरी पहुंचे, जहां माता सीता का स्वयंवर हुआ था उस स्थान पहुंचने का सौभाग्य मिला।यात्रा यहां से आगे बढ़ते हुए माता-पिता के जन्म स्थल बिहार के सीतामढ़ी भी पहुंची। जिसके बाद झारखंड के बाबा बैजनाथ में कावड़ यात्रा से जिला अभिषेक कर,उड़ीसा के कोणार्क मे सूर्य मंदिर के दर्शन कर जगन्नाथ पुरी होते हुए छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ पर मां बमलेश्वरी के दर्शन कर यात्रा का समापन करते हुए ग्रह ग्राम मासोद पहुंचे। सकुशल यात्रा सम्पन्न होने पर ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।