अस्पताल परिसर में जगह जगह थमा बारिश का पानी, कूड़े करकट के ढेर से पनपेंगे मच्छर
मुलताई। स्वास्थ्य महकमे द्वारा नगर सहित आंचलिक ग्रामीण क्षेत्रों में सतत प्रचार प्रसार कराकर घरों के आसपास बारिश के पानी को थमने नहीं देने की समझाइश देते नजर आया है, किंतु अपने ही अस्पताल परिसर में थमे बारिश के पानी के डबरे तथा जहां तन्हा पड़े कूदे करकट के ढेर उन्हें नजर नहीं आ रहे है? जिससे यह तो स्पष्ठ जन पड़ता है कि दिए तले अंधेरा होता ही है। अब जबकि बारिश के मौसम में वर्षाजनित रोगों की रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग स्वास्थ्य महकमे को साथ लेकर नगर के सभी वार्डो में तथा सेक्टर सुपरवाइजर की मदद से आशा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों की पैदावार पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर समझाइश देते नजर आयेंगे।मलेरिया विभाग को चाहिए कि वे अपने अस्पताल परिसर को सबसे पहले आदर्श स्वरूप देने की पहल करे ताकि अस्पताल परिसर में आने वाले ग्रामीण नागरिक तथा वार्डवासी यह की साफ सफाई युक्त वातावरण से प्रेरणा लेकर अपने आसपास के स्थानों को भी स्वच्छ तथा साफ रखने की हर संभव कोशिश करेंगे।
मुख्य मार्ग के किनारे लगा है कवेलु का ढेर,उग आई खरपतवार
नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूरी पर अस्पताल के छप्पर से निकली गई बागड़ा कबेलू का ढेर भवन की दीवार से सटा कर लगाया गया है। वही पास ही बारिश के बाद उग आई खरपतवार दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है।उल्लेखनीय है कि मुख्य मार्ग के किनारे बड़ी बड़ी घास फूस में जहरीले साप बिच्छू आसानी से से अपना बसेरा बना सकते है। जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों को तथा उनके परिजनों को जहरीले जीव जंतुओं से खतरा हो सकता है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस ओर ध्यान देकर कूदे करकट के ढेर तथा घास फूस को नष्ट करने की पहल की जाना चाहिए। साथ ही जग जगह थमे पानी के डबरे भरे जाना चाहिए ताकी मच्छरों की पैदावार पर अंकुश लग सके।