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आस्था और विश्वास के महाकुंभ पर जाम का दाग

गगनदीप खेरे प्रयागराज महाकुंभ 2025 से लौटकर

इन दिनों पूरी दुनिया में भारत के महाकुंभ की चर्चा हो रही है जिसमें लगभग 50 करोड़ जनता के कुंभ में शामिल होकर डुबकी लगाने के दावे किए जा रहे हैं जो शायद एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड होगा जो शायद ही कभी टूट पाए ।
निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महाकुंभ 2025 को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिसका परिणाम है कि बेहतरीन इंतजाम के बीच आम जनता की नजर में महाकुंभ 2025 सफल आयोजन बताया जा रहा है। हालांकि इसमें भगदड़ से मौत एवं लम्बे जाम के दाग भी है। जिसकी टीस हमेशा आम जनता के जहन में रहेगी जब जब महाकुंभ 2025 की याद की जाएगी भगदड़ से मौत एवं लंबे जाम की घटना भी याद की जाएगी लेकिन इन सब बातों के बीच महाकुंभ 2025 को आम जनता अब तक का सबसे बेहतरीन इंतजाम वाला महाकुंभ बता रही है लेकिन इस आयोजन में प्रयागराज रेल्वे स्टेशन बंद कर दिए जाने के कारण कुंभ जाने का साधन चौपहिया वाहन बने हुए है जिसके कारण सड़क मार्गों पर अत्यधिक दवाब बन गया है
जिसके कारण 50 करोड़ जनता के कुंभ में शामिल होने के रिकार्ड के साथ-साथ भारत में सबसे लंबे जाम का रिकॉर्ड भी बना है जिसके चलते आने वाले समय से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन को अभी से कार्ययोजना बनाना चाहिए जिससे भविष्य में कभी भी कुंभ जैसे बड़े आयोजनों में जाम की स्थिति न बने और श्रद्धालु परेशान होने से बच सकें।

जाम से बचने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाना चाहिए

महाकुंभ विगत दो माह से लंबे जाम से जूझ रहा है। प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले सारे रास्ते बार-बार जाम हो रहे हैं जिसके कारण कुंभ जाने वाले श्रद्धालु जहां अत्यधिक परेशान हो रहे हैं वहीं प्रशासन की सारी तैयारी भी बार बार विफल साबित हो रही है भविष्य में इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने समन्वय द्वारा सुझाए इन प्रस्तावों पर गहन चिंतन करना चाहिए और यदि उचित समझें भविष्य में इसे अपनाना चाहिए।
महाकुंभ में जाने वाले सारे चौपहिया वाहनों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होना चाहिए।

जिसमें किस रास्ते से जाएंगे स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होने पर जाने की तारीख का टोकन दिया जाना चाहिए।

किसी भी चौपहिया वाहन को प्रशासन द्वारा जारी किए टोकन के बिना इंट्री नहीं दी जानी चाहिए।

15 वर्षों से अधिक पुराने वाहनों को एंट्री नहीं दी जानी चाहिए

वाहनों में निर्धारित। कैपेसिटी से अधिक सवारी प्रतिबंधित होना चाहिए।

वाहनों में एंट्री से पहले पर्याप्त फ्यूल की अनिवार्यता होनी चाहिए

सारे रास्तों के टोल बंद कर उसकी राशि टोकन के साथ पंजीयन शुल्क के रूप में जमा करा ली जाए सबसे अधिक जाम की स्थिति टोल गेटो के पास बनी है
जिन वाहनों को ऑनलाइन टोकन जारी हो उनकी पार्किंग निर्धारित होनी चाहिए।

प्रशासन इन प्रस्ताव को अमल में लाकर जाम की स्थिति को बड़े आयोजनों में काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है। इससे श्रद्धालुओं को जहां जाम की स्थिति से निजात मिल सकेगी वही प्रशासन भी परेशान नहीं होगा।

प्रयागराज कुंभ 2025: एक रिकॉर्ड और चुनौतियाँ

  • प्रयागराज कुंभ 2025 में लगभग 50 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा किया गया है, जो एक विश्व रिकॉर्ड हो सकता है।
  • इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतरीन इंतज़ाम किए, परंतु भगदड़ और जाम जैसी समस्याएँ भी रही।
  • 50 करोड़ लोगों की उपस्थिति के साथ, भारत में सबसे लंबा जाम भी दर्ज किया गया, जिससे भविष्य के कुंभों के लिए बेहतर योजना बनाने की आवश्यकता है।

महाकुंभ यातायात प्रबंधन सुधार प्रस्ताव

  • महाकुंभ में लगातार जाम की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
  • सभी चौपहिया वाहनों का ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया जाए, जिसमें यात्रा मार्ग का स्पष्ट उल्लेख हो।
  • 15 वर्ष से पुराने वाहनों और निर्धारित क्षमता से अधिक यात्रियों वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाए।

बड़े आयोजनों में जाम से निजात

  • सभी रास्तों के टोल बंद कर, टोकन के साथ पंजीयन शुल्क जमा कराया जाए।
  • ऑनलाइन टोकन जारी किये जाएं और पार्किंग पहले से निर्धारित हो।
  • इन उपायों से बड़े आयोजनों में जाम की स्थिति काफी हद तक नियंत्रित हो सकती है।

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