कलेक्टर ने तीन बदमाशों का किया जिला बदर
अल्सिया, अंकित और दीपेंद्र को जिला छोड़ने के आदेश, पादरी ने निर्दलीय लड़ा था चुनाव
बैतूल ताप्ती समन्वय। हाल ही में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे अल्सिया पारदी को बैतूल कलेक्टर ने जिला बदर कर दिया है। इसके साथ ही अंकित दीक्षित और दीपेंद्र हारोडे को भी एक साल के लिए तड़ी पार कर दिया गया है। उन्हें 48 घंटे के भीतर जिले की सीमा छोड़ने का आदेश दिया गया है।
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जिला बदर का आदेश जारी किया है। उन्हें जिला बैतूल और उससे लगे सीमावर्ती जिले छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा की राजस्व सीमा से एक साल की अवधि के लिए प्रवेश न करने, वापस न लौटने का आदेश किया गया है।
अल्सिया पारदी ने हाल ही में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर बैतूल विधानसभा से चुनाव लड़ा था, उसे 372 वोट मिले थे। एसपी बैतूल ने अल्सिया के खिलाफ 21 सितंबर 2022 को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 5 (क)(ख) के तहत जिला बदर की कार्रवाई करने का प्रतिवेदन पेश किया था। उसकी आपराधिक गतिविधियों के बढ़ने का लेख किया गया था। अल्सिया पर 13 विभिन्न अपराधों के प्रकरण दर्ज बताए गए है। जिनमें बलवे से लेकर एनडीपीसी, जुए और धोखाधड़ी के मामले शामिल है। उसे पिछले साल 28 नवंबर 22 को यह भी आदेश किया गया था की वह रोज कोतवाली पहुंचकर अपने उपस्थिति दर्ज करवाएगा। उसके केस की सुनवाई के दौरान राधा बाई द्वारा की गई यह शिकायत भी सामने आई थी की 2007 में घटित चौथिया की घटना को लेकर अल्सिया ने 2 करोड़ लेकर गवाहों को बदलने का प्रयास किया।
कलेक्टर ने अल्सिया के अलावा अंकित दीक्षित को भी जिला बदर कर दिया है। अंकित पर साल 2014 से 23 तक 7 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए थे। जिनमें उस पर तीन प्रकरण विचाराधीन है। जबकि IPC के एक प्रकरण में वह बरी हो गया था। एक मामले में समझौता हो गया था। उस पर हत्या,आर्म्स एक्ट, मारपीट, बलवे के प्रकरण दर्ज हुए थे। उसे भी 48 घंटे के भीतर जिले की सीमा छोड़ने के आदेश किए गए है। वहीं जिला बदर किए दीपेंद्र हारोड़े (24) पर 18 मामले दर्ज थे। सभी मामले अदालत में चल रहे हैं। सुनवाई के दौरान उसने कहा की उस पर झूठे मामले दर्ज किए गए।उसे रंजिश वश फंसाया गया है।