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बैतूल ऑयल मिल में हादसा: टैंक में मिले दो कर्मचारियों के शव,पुलिस-एसडीईआरएफ की टीम ने की शव निकालने की कार्यवाही

बैतूल। जिले की एकमात्र बैतूल ऑयल मिल के (वॉटर ट्रीटमेंट) टैंक में शनिवार-रविवार की रात्रि में दो कर्मचारियों की मौत हो गई। दोनों  के शव टैंक में मिलने से हड़कम्प मच गया था। तत्काल इसकी सूचना फैक्ट्री प्रबंधन ने पुलिस और परिजनों को दी जिसके बाद पुलिस और एसडीईआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों कर्मचारियों के शव बाहर निकालकर मर्चुरी पहुंचाया जहां से आज पीएम के उपरांत शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। पीएम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के कारणों का खुलासा हो सकेगा।

एसडीओपी शालिनी परस्ते ने बताया कि जिन कर्मचारियों के टैंक में शव मिले हैं उनमें कैलाश पानकर पिता भीमराव पानकर उम्र 53 वर्ष, निवासी कंपनी गार्डन, बैतूल एवं दयाराम नरवरे पिता मुन्ना नरवरे) उम्र 56 वर्ष, निवासी रामनगर गंज, बैतूल शामिल है। उन्होंने बताया कि बैतूल ऑयल लिमिटेड के टैंक में दो कर्मचारियों के शव मिलने की सूचना पर पुलिस टीम और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची थी और दोनों शवों निकालने की कार्यवाही की गई। एसडीओपी शालिनी परस्ते ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है।

बैतूल ऑयल मिल के मैनेजर अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि  दयाराम नरवरे और कैलाश पानकर मशीन ऑपरेट करने का काम करते थे। बीती रात उन्हें कर्मचारियों ने दोनों के दिखाई न देने की सूचना दी। कर्मचारियों की तलाश करने पर उन्हें टैंक के अंदर पड़ा देखा तब हादसे की जानकारी सामने आई।

श्री मिश्रा ने बताया कि टैंक की सफाई हर दो माह में एक बार की जाती है। रात की शिफ्ट (4 बजे से 12 बजे) के दौरान कैलाश पानकर और दयाराम नरवरे टैंक की सफाई के लिए उतरे थे। 12 बजे जब उनकी ड्यूटी समाप्त हुई और दूसरी शिफ्ट के कर्मचारी ड्यूटी के लिए पहुंचे तो उन्हें टैंक के अंदर दोनों मजदूर पड़े मिले। उन्होंने कंपनी के जिम्मेदारों को तत्काल सूचित किया।  पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

फैक्ट्री प्रबंधक बोले- गैस जैसी कोई स्थिति नहीं थी

फैक्ट्री प्रबंधक अजय मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल पर गैस जैसी कोई स्थिति नहीं है। कारणों की जांच कर रहे हैं। मृतक हमारे परिवार के सदस्यों की तरह थे। उनके परिजनों की हर संभव मदद की जाएगी।

मैनेजर ने कहा- स्टाफ ने तलाशा तो टंकी में गिरे मिले

HR मैनेजर अजय मिश्रा ने बताया कि कंपनी के दोनों कर्मचारी शाम की शिफ्ट में आए थे। इसके बाद रात 12 बजे जब थर्ड शिफ्ट का रिलीवर आया तो दोनों मौके पर नहीं थे। इसके बाद जब स्टाफ में उन्हें तलाशा तो दोनों टंकी में गिरे मिले। दोनों हेल्पर का काम करते थे।

पत्नी ने कंपनी से मांगा 25 लाख मुआवजा

कैलाश की पत्नी सीमा ने 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है। उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा कि कंपनी की ओर से बच्चों की पूरी परवरिश की जाए। उन्हें मिलने वाला मासिक पेमेंट हर महीने दिया जाए। बच्चों की पढ़ाई व अन्य खर्च दिए जाए।

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