जनपद कार्यालय के सामने हो रहे निर्माण पर रोक लगाने की मांग,जनपद सदस्यों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन
मुलताई। नगर के जनपद पंचायत कार्यालय परिसर में दो दशक पूर्व तत्कालीन सीईओ वीके त्रिपाठी द्वारा जनपद कार्यालय के समक्ष वर्षों की मेहनत और लाखो रुपए खर्च कर संपूर्ण क्षेत्र के सहयोग से आकर्षक बगीचे का निर्माण किया गया था। उनके कार्यकाल में लगाए गए पौधे वृक्ष बनकर लहलहाने लगे थे जो की जनपद कार्यालय की शोभा हुआ करते थे। जिसे हाल ही में नष्ट कर दिया गया।हरे भरे वृक्षों को उखाड़ फेंका गया। अब यहां जनपद कार्यालय द्वारा पांच दुकानों का निर्माण किया जा रहा है, जो की औचित्य हीन है। बिना किसी ठोस कारण के हरे भरे वृक्षों को काटा जाना अनुचित है। हरे भरे पेड़ो को बर्बाद करने वालो के खिलाफ कार्यवाही तथा निर्माण कार्य पर रोक तथा भुगतान पर रोक लगाने की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम तहसीलदार को जनपद सदस्यों ने ज्ञापन सौंपा गया। बताया जा रहा है कि पांच दुकानो का निर्माण 15 वे वित्त आयोग की राशि से किया जा रहा है।
जबकि इस मद की राशि का उपयोग मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जाना चाहिए।
जानकारों का मानना है कि पांच दुकानों का निर्माण सभी नियमों को ताक पर रखकर बगैर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण किए किया जा रहा है। जनपद पंचायत द्वारा पांच दुकान निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाने के बजाय कामथ ग्राम पंचायत को एजेंसी बना दिया गया है।
कामथ ग्राम पंचायत का मुलताई नगर क्षेत्र में एजेंसी होना अनेक सवाल खड़े करता है। आनन फानन में अपनाई गई इस प्रक्रिया से स्पष्ट है कि निजी हितों का ध्यान रखते हुए कार्य किया जा रहा है। कार्यालय की महत्वपूर्ण भूमि को बर्बाद किया जा रहा है साथ ही शासकीय
राशि को चूना लगाया जा रहा है। को होदय जी उक्त मामले में शासकीय राशि का अपव्यय एवं कार्यालय के समक्ष की भूमि को अपने फायदे के है। क्या जनपद ने बगीचा काटकर दुकान निर्माण करने की स्वीकृति शासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों से ली है? क्या ग्राम पंचायत कामथ अपनी ग्राम पंचायत के बाहर नगरीय क्षेत्र में निर्माण एजेंसी
है ? इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। ज्ञापन के माध्यम से भवन निर्माण एवं भुगतान पर रोक लगाकर संपूर्ण मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपते समय जनपद सदस्यगण मौजूद थे।