पूर्ण सिद्धांतो के साथ भाजपा का अभी सत्ता में आना बाकी,हमने क्या सोचा था, क्या बना बैठे,भाजपा स्थापना दिवस पर विशेष

गगनदीप खेरे
ताप्ती समन्वय। 6 अप्रैल हम भाजपा का स्थापना दिवस मना रहे है। पूर्व में भाजपा हाई कमान द्वारा यह लक्ष्य रखा गया था कि अधिक से अधिक विभिन्न दलो के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा ज्वाइन कराकर रिकॉर्ड बनाया जाए। जिसकी लक्ष्य पुर्ती में भाजपा कही अपनी मूल विचारधारा से भटक कर विपरित विचारधाराओ के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कर आने वाले समय में स्वयं के लिये मुसीबत तो खड़ी नहीं कर ली है वर्तमान में पुरानी भाजपा से ज्यादा नए कांग्रेसी भाजपा में नजर आ रहे है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना था भले ही हमसे नए कार्यकर्ता न जुड़े पर पुराने कार्यकर्ता नाराज नहीं होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में जिस तरह पुरे देश में पुराने कार्यकर्ताओं को नाराज कर नए कार्यकर्ताओं को भाजपा में लिया जा रहा है भाजपा की विचारधारा के लिए खतरा नजर आ रहा है।
देश में बिना सोचे समझे विभिन्न दलो के राजनेताओ एवं कार्यकर्ताओं को भाजपा में लिया जा रहा है। जिसके चलते भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता हासिये पर नजर आने लगे है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कम से कम यह नियम लागु करना चाहिए कि विभिन्न दलो को त्याग कर जो नए राजनेता एवं कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे है उन्हे 6 वर्षों तक भाजपा में सत्ता व संगठन से दूर रख प्रशिक्षण दिया जाये उसके बाद भाजपा की मूल विचारधारा से जोड़ा जाये।
भाजपा स्थापना दिवस पर आज भाजपा से जुड़े हर व्यक्ति को आत्म विश्लेषण करना चाहिए कि भाजपा के चरमोत्कर्ष पर आज भाजपा अपने सिद्धांतों एवं व्यवहार पर खरा उतर रही है या नहीं, कहीं वहीं विसंगतियां भाजपा को दीमक की तरह नहीं लग गई है जिसके कारण कई राजनैतिक दल पतन की कगार पर है। वर्तमान में भाजपा हिन्दूवादी छवी के साथ सत्ता में आ गई है। लेकिन पूर्ण सिद्धांतो के साथ भाजपा का अभी सत्ता में आना बाकी है।
90 के दशक में नारा लगा करता था तलवार निकलेंगी म्यान से मंदिर बनेगा शान से जो उस समय की परिस्थिति में असंभव सा लगता था जो आज वास्तविकता के धरातल पर अयोध्या में राम मंदिर बन गया है। जिसके चलते भाजपा और नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता शिखर पर है। भाजपा का चुनावी वादा हुआ करता था कश्मीर में धारा 370 को हटाना जो उस समय की परिस्थिति में असंभव प्रतीत होता था जिसे भाजपा ने संभव कर दिखाया और कश्मीर से धारा 370 खत्म कर दी। इसके साथ ही भाजपा ने स्वदेशी आंदोलन को बल देकर स्वदेशी व्यापार पर बल दिया था। इस मुद्दे से भाजपा पूरी तरह भटक गई और अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों के जाल में फंस कर अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों को महत्व दे रही है। जिसके कारण स्वदेशी रोजगार प्रभावित हो रहे है। शहरों में चिल्लर बाजारों के स्थान माल ले रहे है। फुटकर व्यापारी बेरोजगार हो रहे है।
हाल ही में भारत में विश्व का सबसे बड़ा मेला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संपन्न हुआ जिसमें 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया
इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में अभी से 2029 में उज्जैन में लगने वाले कुंभ की तैयारी प्रारंभ है पूरे देश में सनातन धर्म की बयार बह रही है भाजपा के शासन में हिंदू राज नजर आ रहा है इस मुद्दे पर भाजपा आम जनता की नजर में सफल सरकार रही है जिसने देश में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति को छोड़कर बहुसंख्यक हिंदुओं का ध्यान रखा है
विगत वर्षों में भाजपा ने नोटबंदी की थी जिसमें 500 एवं 1000 के नोट बंद कर तर्क दिया था कि इससे काला धन उजागर होगा और बड़े नोटों में छिपाया काला धन रद्दी बन जायेगा। इस मुहिम में देश की जनता महीनों परेशान हुई लम्बी-लम्बी लाईने लगी, लेकिन थोड़े समय बाद भाजपा सरकार ने स्वयं 500 का नया नोट बाजार में उतार कर अपने ही तर्क को निष्प्रभावी कर दिया। लेकिन 500 के नए नोट जो ज्यादा सुरक्षा फिचर्स के साथ निकाले गए जिसके कारण 500 के नकली नोट छपना बंद हो गए। जिसके कारण आतंकवादी अलगाववादी ताकतो को रोकने में सहायता मिली।
भाजपा सरकार ने कुछ समय बाद नई कर प्रणाली जीएसटी देश में लागु की जिसमें तर्क दिया गया कि एक देश एक टैक्स लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज भी जनता जीएसटी के बाद भी कई टैक्स भर रही है। वहीं जनता को जहां जीएसटी का फायदा मिलना था उन पर जीएसटी लागु नहीं किया गया। जैसे पेट्रोल, डीजल, शराब पर जीएसटी स्लेब को छोड़कर टैक्स वसूला जा रहा है। जीएसटी के कारण फुटकर व्यापार प्रभावित हुआ है। छोटे व्यापारी जीएसटी रिकॉर्ड मेन्टेन नहीं कर पा रहे है। जिसके कारण उनका व्यापार बंद हो गया है। कुछ चीजों पर बार-बार जीएसटी टैक्स लग रहा है।
लेकिन हाल में 2025 के बजट में 12लाख रुपए तक इनकम टैक्स में छूट दे कर भाजपा नेताओं ने देश की जनता का दिल जीत लिया देश की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी इनकम टैक्स की सीमा से अंदर है जिसके कारण उन्हें इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा
भाजपा हमेशा हिंदी भाषा की पक्षधर रही है। लेकिन आज तक पूरे देश में हिंदी भाषा का प्रभाव बढ़ाने के प्रयास नहीं किये उसके स्थान पर पूर्व की तरह ही अंग्रेजी पूरे देश में छाई है। वहीं प्रान्तों में क्षेत्रीय भाषा वाद बढ़ रहा है। भाजपा हमेशा वंशवादी, पूंजीवादी, राजनीति की विरोधी रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर भाजपा में भी संगठन में वंशवाद एवं पूंजीवाद हावी होता दिख रहा है। लेकिन प्रदेशिक एवं राष्टीय स्तर पर वंशवाद से भाजपा मुक्त नजर आ रही है
भाजपा हमेशा अनुसूचित जाति-जनजाति की हितैशी रही है। लेकिन आज भी यह वर्ग भाजपा से कम ही जुड़ पाया है। देश की सुरक्षा के मामले में मोदी सरकार मील का पत्थर साबित हुई है। चाईना एवं पाकिस्तान की नाक में नकले डाल मोदी सरकार ने जहां पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया है। वहीं डोकलाम में चाईना को भी पिछे हटने पर मजबूर कर दिया है। कोरोना काल में 69 दिन के लॉक डाउन में यातायात बंद होने से देश ने असीम पीढ़ा झेली आधुनिक युग में भी देश के एक कोने से दूसरे कोने तक हजारों किलोमीटर जनता पैदल, साईकिलों, दो पहिया वाहनों से पहुंची। यहां सरकार का मेनेजमेंट फेल नजर आया, लेकिन देश में 100 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को सिमित समय में टीकाकरण कर भाजपा सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की।
भाजपा के शासन में देश में साम्प्रदायिक दंगो में कमी आई, वहीं असामायिक तत्वों पर कड़ी कार्यवाही हुई। महिलाओ के लिए लाडली बहना योजना आदिवासीओ के लिए पैसा एक्ट वृद्धा पेंशन में बढ़ोत्तरी हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा प्रधानमंत्री आवास योजना मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना गरीबो को 1 रु किलो अनाज प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं ने भाजपा की आम जनता खासकर गरीबो में साख बड़ाई है लेकिन विपक्ष में रहकर शराब बंदी की पक्षधर रहने वाली भाजपा सत्ता में कभी भी शराब बंदी की मुहिम में शामिल नहीं हुई हालांकि 1 अप्रेल 2023 से शराब के आहतो पर प्रतिबंध लगाया गया है वही 1अप्रैल 2025से मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरीय में शराब बंदी लागू की है लेकिन प्रदेश में कम दर पर बार लायसेंस एवं शराब दुकानों को 12 बजे रात तक खुले रहने की छूट दी जा रही है। शायद भाजपा के हुक्मरान जानते है।
मंदिर मस्जिद बैर कराते
मेल कराती मधुशाला