बगैर इलाज के रैफर कर दिया गंभीर मरीज
35 किमी के सफर में बहता रहा खून, बुजुर्ग को सिर में लगा था गहरा घाव
बैतूल। जिले के अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफरल सेंटर बनते जा रहे हैं। इसकी बानगी सोमवार रात देखने को मिली, जब गंभीर चोट लगने से घायल हुए एक बुजुर्ग को घोड़ाडोंगरी स्वास्थ्य केंद्र से बगैर उपचार बैतूल भेज दिया गया। इस दौरान उनका लगातार खून बहता रहा। इस पर जिला अस्पताल के डॉक्टर और परिजनों ने नाराजगी जताई है। हालांकि बीएमओ ने लापरवाही से इंकार किया है।
घटना सोमवार देर शाम की है। रेलवे पटरी के पास मवेशी चरा रहे एक बुजुर्ग रामरतन यादव पटरी से गुजर रही ट्रेन से डरकर गिर पड़े थे। जिससे उनके सिर में दस सेमी लंबा घाव लग गया। रेल पटरी के पास पड़े होने की सूचना मिलने के बाद जीआरपी ने देर रात उनका रेस्क्यू कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया। जहां गहरी और लंबी चोट लगने के बावजूद अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने उनका उचित इलाज न कर उनके सिर पर पट्टी बांध दी और एंबुलेंस से बैतूल जिला अस्पताल के लिए रवाना कर दिया।
इस दौरान चोट पर टांके न लगाने के कारण बुजुर्ग का खून बहता रहा। बुजुर्ग जब जिला अस्पताल पहुंचे तो यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर भी इस लापरवाही को देखकर हैरान रह गए। ड्यूटी डॉक्टर कुशवाह ने बताया की घोड़ाडोंगरी से रेफर मरीज को स्टिच न लगाए जाने से बेहद खून बहा है। इससे मरीज शॉक में भी जा सकता था। जिला अस्पताल में बुजुर्ग को तुरंत टांके लगाए गए। इस बीच उनकी हालत नाजुक होने पर परिजन उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराने ले गए।
डॉक्टर ने बताया की बुजुर्ग को सिर में लगी चोट दस सेमी लंबी और गहरी थी। बुजुर्ग के नाती संजू यादव ने बताया की बैतूल से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। इन 35 किलोमीटर के दौरान बुजुर्ग के सिर से पानी की तरह खून बहता रहा और उसके पूरे कपड़े चादर खून से सन गए। रात लगभग 10 से 10:30 बजे के बीच घायल बुजुर्ग को बैतूल जिला चिकित्सालय लाया गया।
बीएमओ बोले-लापरवाही नहीं
इधर इस मामले में बीएमओ डॉक्टर संजीव शर्मा ने लापरवाही से इंकार किया है। उन्होंने बताया की जीआरपी वृद्ध को अस्पताल में छोड़कर चली गई थी। वह अज्ञात व्यक्ति था। सेमिकॉन्शियस होने के कारण वह न तो इलाज करने दे रहा था और न ही बोतल लगाने दे रहा था। इसलिए ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर धाकड़ ने सीनियर डॉक्टर मनीष दांगी से चर्चा कर वृद्ध को बगैर टांके लगाए। टाइट कंप्रेशन कर जिला अस्पताल रवाना किया था। वह क्रिटिकल कंडीशन में था।