Sat. Dec 21st, 2024

बिजली की समस्या से त्रस्त किसानों ने केंद्र पर लगाया ताला


मासोद। मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी मासोद क्षेत्र का हर उपभोक्ता,बिजली की परेशानियो से जूझ रहा है।
कहीं वोल्टेज की कमी, तो कहीं विद्युत आपूर्ति समय पर नहीं ,तो कहीं डी पी नहीं, तो कहीं लाइनमैन बिजली आपूर्ति नहीं करा पा रहे हैं। जिससे ग्राम के उपभोक्ताओं के साथ-साथ हर ग्राम का किसान विद्युत सप्लाई से परेशान नजर आ रहा है। मासोद डी सी के कृषक उपभोक्ता आए दिन मासोद विद्युत वितरण केंद्र के कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कर रहे हैं,पर समस्या का हल हीं निकलता। मासोद केंद्र के सहायक प्रबंधक भी सटीक जवाब नहीं दे पाते बस यही आश्वासन मिलता है कि हो जाएगा कोशिश जारी है जिससे सभी कृषक उपभोक्ता में रोष व्याप्त है
आज भी सहनगांव, हिवरखेड, पोहर, कजली,वायगाव के कृषक उपभोक्ता अपनी समस्या लेकर मासोद केन्द्र पर आए पर बहुत देर तक इंतजार करने के बाद भी केंद्र पर सहायक प्रबंधक के ना आने पर विद्युत वितरण केंद्र मसोद पर ताला लगा दिया और चौकी में जाकर आवेदन कर दिया कि सहायक प्रबंधक के नहीं होने से विद्युत वितरण केंद्र को ताला लगा रहे हैं
कृषक पुरुषोत्तम देशमुख डॉक्टर बलवंत कुंभारे चंद्रशेखर माकोडे यादव पटेल केशोराव कुभारे सुरेंद्र मगरदे, प्रफुल्ल पाल आदि ने चौकी प्रभारी बसंत आहाके को आवेदन देकर बताया कि समस्या का निदान नहीं होने के कारण कार्यालय को ताला लगा दिया। और समस्या हल नहीं होने पर धरना प्रदर्शन के चेतावनी दी जीस पर चौकी प्रभारी ने संबंधित अधिकारी से चर्चा की तब जाकर विद्युत वितरण केंद्र का ताला खोला और केन्द्र पर जेई के मौजूद ना होने पर ऑफिस के कर्मचारी दीपक माडंले को ज्ञापन सौंपा गया। वहीं चेतावनी दी की अगर जल्दी ही समस्या का निदान नहीं किया गया तो मजबूरी में किसानों को धरना प्रदर्शन का रुख अपनाना पड़ेगा। कृषक डोडिया घोड़की, यादव राव घोडकी, श्यामराव घोडकी, विजय माथनकर, देवराव मानकर, शिवदास सिमैया, धनराज चौरे सहित पांचों ग्राम के कृषकों ने ज्ञापन देते हुए बताएं कि हर 10 मिनट में बिजली की ट्रिप हो रही है वोल्टेज बहुत कम मिल रहा है। पूर्ण बिजली सप्लाई का भी कोई समय नहीं रहता पूर्ण समय बिजली भी नहीं मिल पा रही है आदि कई समस्या का जल्द से जल्द हल करने की मांग की है । साथ ही बताया कि बिजली की ट्रिप एवं कम वोल्टेज की समस्या से बार-बार मोटरे व केबल जल रही है जिससे हम पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

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