शिवधाम सालबर्डी में शिवरात्रि पर हजारों की संख्या में पहुंचेंगे श्रद्धालु

मुलताई। मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र की सीमा पर शिवधाम सालबर्डी स्थित है। जहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर मेले का आयोजन जनपद पंचायत प्रभात पट्टन द्वारा किया जाता है। प्रकृति की गोद में बसे शिवधाम सालबर्डी के आसपास ऊंचे ऊंचे पहाड़ हरेभरे जंगल श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते है। वही पहाड़ियों के तराई क्षेत्र से बहने वाली माड़ू नदी के कलकल कर बहने वाला पानी मन को शकुन प्रदान करता है। शिवरात्रि के अवसर पर लगने वाले मेले में महाराष्ट्र सहित अन्य जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए सालबर्डी पहुंचते है,तथा प्रकृति की गोद में बसे शिवधाम सालबर्डी के मनमोहक नजारे के साथ धर्मलाभ अर्जित करते है। शिवरात्रि पर सालबर्डी मेले के अलावा भी पूरे वर्ष भर पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के आने का दौर जारी रहता है। उल्लेखनीय है कि सालबर्डी ग्राम पूर्व में आठनेर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता था, किंतु सीमा निर्धारण के बाद अब यह मुलताई थाना क्षेत्र अंतर्गत है। पवित्र नगरी मुलताई से शिवधाम सालबर्डी की दूरी लगभग 72 किलोमीटर है।
पहाड़ियों के बीच बनी सुरंग से भीतर जाने पर होते है पावन शिवलिंग के दर्शन
मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित शिवधाम सालबर्डी अपने आप में अनूठी संरचना के लिए भी जाना जाता है। कारण भगवान भोलेनाथ की पावन गुफा मंदिर मध्य प्रदेश की सीमा में आता है जबकि मेला क्षेत्र महाराष्ट्र की सीमा में संचालित होता है। मेला स्थल सतह से लगभग 3 किलोमीटर की पहाड़ी चढ़ने के बाद गुफा द्वार पर पहुंचने के बाद चट्टानों के बीच से बनी सकरे गलियारे से होकर भूमिगत गुफा (भुयार) में पहुंचने के बाद पावन शिवलिंग के दर्शन होते है।
ग्राम पंचायत सालबर्डी की सीमा यहां निर्मित सड़क के अनुसार है। सड़क के उत्तर भाग का हिस्सा मध्य प्रदेश की सीमा में है,जबकि सड़क के दक्षिण भाग का हिस्सा महाराष्ट्र में आता है। इस वजह से मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के संयुक्त प्रयासों से मेले का संचालन होता है।