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सावन मास प्रारंभ होते ही कावड़ यात्रा हुई प्रारंभ

मुलताई। सावन मास की शुरुआत हो गई है, सोमवार को सावन मास के पहले ही दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी । भगवान शंकर का अभिषेक करने के लिए हर शिव मंदिर में श्रद्धालु लाइन लगाकर खड़े दिखे। वहीं श्रावण सोमवार के प्रारंभ होते ही कांवड़ यात्राओं का दौर भी शुरू हो गया। नेहरू वार्ड के युवाओं ने ताप्ती तट से ताप्ती जल भरकर भगवान शंकर के अभिषेक के लिए कांवड़ यात्रा निकाली। श्रद्धालु नाचते गाते हुए कांवड़ यात्रा में शामिल हुए और भगवान शंकर का अभिषेक किया। बताया जा रहा है कि सावन की शुरुआत सोमवार से होने के कारण सावन के पहले ही दिन शिवालयों में श्रद्धालु भक्तो का ताता उमड़ पड़ा।
पंडित प्रवीण जोशी ने बताया कि श्रावण मास को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है। सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना का विशेष महत्व है।
ग्राम डहुआ से पैदल कलश लेकर ताप्ती तट पहुंची महिलाए
सावन मास प्रारंभ होते ही कावड़ यात्रा तथा जल कलश यात्रा निकाली जाने लगी। नगर के नेहरू वार्ड के युवाओं द्वारा जहा कावड़ यात्रा निकाली गई, वही तहसील क्षेत्र के ग्राम डहुआ की महिलाओं ने पैदल कलश यात्रा मां ताप्ती तट तक निकाली। पैदल जल कलश लेकर तट पर पहुंची मातृ शक्ति द्वारा कलश में पवित्र जल भरा गया। जिसके बाद मां ताप्ती के दर्शन पूजनंके बाद वापस कलश यात्रा ग्राम डहुआ के लिए लौटी। बताया गया कि मां ताप्ती के जल से ग्राम में स्थित मां कामाख्या मंदिर में अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान बम बम भोले के जयघोष से ताप्ती तट गूंज उठा।

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