118 साल में बदल गई व्यवस्था अब घर बैठे ही आन लाइन दर्ज करा सकते है केस

मुलताई l न्यायालय 1907 में प्रारंभ हुआ था पहले यह तहसील भवन में लगता था बाद में नया सिविल न्यायालय का भवन बनकर तैयार हुआ मुलताई न्यायालय में पहला ऑनलाइन सिविल केस वकील शिवम राजेंद्र उपाध्याय ने 16 फरवरी को रात्रि करीब 11बजे हाइकोर्ट की बेवसाइट पर प्रस्तुत किया है शिवम उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने ग्राम रायसेंडा का दीवानी मामला प्रस्तुत किया था जो दिनांक 24 फरवरी को रजिस्टर्ड हुआ है इसके लिए उन्होंने अपने लैपटॉप से केस की संपूर्ण जानकारी हाई कोर्ट की वेबसाइट पर जो फॉर्मेट दिया है केस बनाकर ई फाइलिंग के माध्यम से तहसील न्यायालय मुल्ताई को प्रेषित की जिसमें सिविल केस से संबंधित समस्त तथ्यों और क्या सहायता चाहते हैं यह सभी ऑनलाइन लिखकर न्यायालय में प्रस्तुत किया जो हाई कोर्ट की वेबसाइट से मुलताई न्यायालय की वेबसाइट पर पहुंचा वहां सिस्टम ऑफिसर उमेश पवार और अरविंद श्रवणकर ई सेवा ऑफिस असिस्टेंट के माध्यम से उस मामले को संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां संबंधित मामले की जांच पड़ताल करने के उपरांत रीडर ने अपना प्रतिवेदन संबंधित न्यायाधीश को दिया न्यायाधीश के निर्देश पर दीवानी मामले को पंजीयन कराया गया ।13/11/24 को ई कोर्ट शुरू होने के बाद यहां प्रथम ऑनलाइन सिविल केस ई कोर्ट सेवा के माध्यम से दर्ज हो गया और दूसरे पक्ष को नोटिस जारी कर दिया गया है वकील राजेंद्र उपाध्याय रविन्द्र कुमार देशमुख ने बताया कि ई फाइलिंग में जो फॉर्मेट दिया गया है उसमें बदलाव की आवश्यकता है जो मद में केस दर्ज करना है उसमें कई तकनीकी दिक्कत है क्योंकि यदि ई फाइलिंग सिविल मामले में की जा रही है तो जो दस्तावेज अधिक होते है 25 पेज से अधिक होने पर जो पी डी एफ सेंड किया जाता है सेंड नहीं होता इसके लिए प्रीमियम मेंबर शिप लेनी होगी ई फाइलिंग आसान बनानी चाहिए और पेपर लेस सुनवाई होनी चाहिए