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हर्षोल्लास से मनाया संविधान दिवस

मुलताई। नगर में आनंद बुद्ध विहार समिति एवं यशोधरा महिला मंडल के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ बी आर अंबेडकर की प्रतिमा के समीप संविधान दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया।कार्यक्रम के प्रारंभ में अध्यक्ष एस आर लोखंडे तथा संरक्षक माधवराव गुजरे द्वारा ध्वजारोहण किया। तत्पश्चात मुरली उबनारे एवं शांतिलाल नागले ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यशोधरा महिला मंडल की तारा लोखंडे ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई।
समिति के सचिवआयुष्मान सहदेव पाटिल ने उपस्थित लोगों को त्रिशरण पंचशील ग्रहण कराया ।अपने उद्बोधन में श्री पाटिल द्वारा संविधान दिवस के 75वें वर्षगांठ पर मंगल कामनाएं प्रेषित की गई। 26 नवंबर 1949 की तारीख हर भारतीय नागरिक के लिए ऐतिहासिक दिन है ,जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था, तथा इसके स्वीकार करने के 2 महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया था। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जो हमें मौलिक अधिकार दिलाता है और हमारे मौलिक कर्तव्य को याद दिलाता है।
भारत का संविधान बनने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा
श्री टीटी कृष्णमाचारी ने संविधान सभा में बोलते हुए कहा की मसौदा समिति में जो 7 सदस्य नियुक्त किए थे उनमें से एक ने सभा से त्यागपत्र दे दिया था और एक का स्वर्गवास हो गया था। एक अमेरिका में था और उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति द्वारा नहीं भरी गई तथा एक और सदस्य राज कार्य में लगा हुआ था। एक या दो व्यक्ति दिल्ली से दूर थे और संभवत: आस्वस्थ होने के कारण उपस्थित नहीं हो सके। अत: अंत में यह हुआ कि सविधान का मसौदा बनाने का काम डॉक्टर अंबेडकर पर आ पड़ा और नि:संदेह हम उनके प्रति कृतज्ञ है की इतनी प्रशंसनीय ढंग से उन्होंने इस कार्य को पूरा किया।
कार्यक्रम में कंचन अतुलकर ने संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर प्रकाश डाला। आयुष्मान कृष्णराव भालेकर माधवराव गुजरे श्रीराम लोखंडे मनीराम गुजरे विनायक आठनेरे एवं वाहिद खान पठान ने भी संविधान पर अपने विचार व्यक्त किया।

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