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विद्यार्थियों को ध्यान के साथ योग से होने वाले लाभ से कराया अवगत

मुलताई। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शनिवार को विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ वर्षा खुराना ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि नियमित रूप से ध्यान करने से तनाव मुक्ति मिलती है एकाग्रता बढ़ती है अनिद्रा को दूर किया जा सकता है और नींद की गुणवत्ता को भी बढ़ाया जा सकता है ज्ञान हमें अधिक धैर्यवान रचनात्मक होने और वर्तमान में मदद करता है। विशेष तौर पर युवाओं में तनावपूर्ण परिस्थितियों, नकारात्मक तत्वों से जुड़ने की चुनौतियां, आक्रामक व्यवहार, क्रोध चिड़चिड़ापन, अवसाद प्रेरणा, में कमी जैसी समस्याओं के कारण मानसिक स्वास्थ्य हेतु ठोस कदम उठाने की आवश्यकता निरंतर महसूस की जा रही है। ऐसे में ध्यान का नियमित अभ्यास करने से इन सभी समस्या एवं कठिनाइयों से बचा जा सकता है। प्रोफेसर डी आर कालभोर ने अपने उद्बोधन में ध्यान को योग के माध्यम से जोड़कर बताया कि नियमित रूप से युवाओं को योग करना चाहिए एवं ध्यान करना चाहिए। ताकी अपने शरीर के संतुलन को बनाए रखा जा सके। आज के इस मोबाइल युग में मानसिक शांति कहां है। क्रीड़ा अधिकारी डॉ अभिनीत सरसोदे ने सभी छात्र-छात्राओं एवं समस्त स्टाफ को ध्यान के महत्व को बताते हुए रवि शंकर महाराज के आवाज में साउंड सिस्टम के माध्यम से ध्यान करवाया। ध्यान करने के पश्चात छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव सुनाए। सोनाली डोंगरे, प्रियांशु राजपूत, प्रवीण डोंगरे,भावना झरबडे ,अश्विनी पोटफोड़े ने अपने ध्यान के अनुभव बताए। इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त स्टाफ एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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