किसानों को गोलियों से भूनने के बाद पुलिस मेरा एनकाउंटर करने की फिराक में थी : डॉ. सुनीलम
मुलताई किसान आंदोलन के 27 वर्ष हो जाने पर ताप्ती समन्वय ने मुलताई के पूर्व विधायक मुलताई किसान आंदोलन के प्रणेता डॉक्टर सुनील से चर्चा की जिसमें डॉक्टर सुनीलम ने 12 जनवरी 1998 के किसान आंदोलन का स्मरण करते हुए कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार द्वारा किसानों पर गोली चालन का संस्मरण सुनाया
साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों को गोलियों से भूनने के बाद पुलिस उनका एनकाउंटर करने की फिराक में थी लेकिन सौभाग्य वश वह बच गए चर्चा में डॉक्टर सुनील ने बताया कि मुलताई के किसान आंदोलन के कारण देश में किसानों को कई सौगात मिली है जिसमें किसानों को मुआवजा दिए जाने की इकाई जहां पहले तहसील क्षेत्र हुआ करता था वही वह क्षेत्र पटवारी हल्का क्षेत्र हो गया है जिसके कारण छोटे स्थान पर फसले खराब होने पर भी किसानों को मुआवजा मिल पाता है मुलताई किसान आंदोलन के कारण ही ही किसानों को फसल मुआवजा मिलना प्रारंभ हुआ साथ ही पूरे देश में राजनीति का केंद्रीय कारण किसानों को लेकर हुआ आज कोई भी राजनीतिक दल किसानों की उपेक्षा करने की हिम्मत नहीं कर पाता है यह सब मुलताई किसान आंदोलन से प्रारंभ हुआ जो आज पूरे देश में छा गया है मुलताई किसान आंदोलन में पूरे देश की राजनीति में किसानों के हितों की राजनीति की एंट्री करवा दी जिसके कारण आज हर राजनीतिक दल किसानों को साधने में लगा है।