पत्रकारिता के प्रकार , पत्रकारिता को जानिये क़रीब से भाग 6

पत्रकारिता को जानिए करीब से कार्यक्रम के तहत आज हम पत्रकारिता के प्रकार पर चर्चा करेंगे। छोटे स्थानों पर जो पत्रकार होते हैं वह अकेले ही सभी प्रकार की पत्रकारिता करते हैं लेकिन बड़े स्थानों पर मेट्रो सिटी में बडे अखबारों में बड़े चैनलों में अलग-अलग विषय के लिए।
अलग-अलग पत्रकार बनाए जाते हैं जो अपने विषय के विषय में गहरी जानकारी एवं पकड़ रखते हैं जिसके चलते यह विशिष्ट पत्रकार अपने विषय में अच्छे से पत्रकारिता कर पाते हैं। आमतौर पर बड़े स्थानों मेट्रो सिटी के बड़े अखबारों एवं चैनलों में समाचार संकलन हेतु विभिन्न प्रकार के संवाददाता बनाए जाते हैं जैसे लोकसभा संवाददाता इसमें देश की राजधानी दिल्ली में लोकसभा से रिपोर्टिंग करने हेतु पत्रकारों की नियुक्ति जाती है।
अधिकतर इनमें सीनियर पत्रकारों की नियुक्त की जाती है
इन पत्रकारों को लोकसभा के सत्र के दौरान आने जाने के लिए पास जारी किए जाते।
विधानसभा संवाददाता प्रत्येक राज्य की राजधानी में विधानसभा रिपोर्टिंग करने के लिए
विधानसभा संवाददाता नियुक्त किए जाते हैं जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से पास जारी किए जाते है
यही संवाददाता सत्र समाप्ति के बाद राजनीतिक संवाददाता के रूप में कार्य करते हैं क्योंकि इनकी राजनेताओं से अच्छी जान पहचान होती है इसलिए यह राजनीतिक संवाददाता के रूप में अच्छे से कार्य कर पाते हैं।
क्राइम रिपोर्टर।
क्राइम रिपोर्टरों की पुलिस विभाग में अच्छी पकड़ होती है जिसके चलते वह किसी क्राइम के विषय में अंदर से जानकारी निकालकर सबसे पहले पब्लिश करने की होड़ में लगे रहते हैं। अपने सूत्रों से किसी क्राइम की सबसे पहले जानकारी प्राप्त करना तथा घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंच कर रिपोर्टिंग करना इनका काम होता है
बिज़नेस रिपोर्टर
समय के साथ बिज़नेस रिपोर्टिंग बहुत लोकप्रिय हो गई है। इसमें विशेष योग्यता वाले व्यक्ति कार्य करते हैं खासकर शेयर मार्केट के संबंध में जानकारी को लेकर
रिपोर्टिंग़ देश में बहुत लोकप्रिय हो रही है। इसके अलावा देश में किस चीज़ के भाव बढ़ सकते हैं या कम हो सकते हैं या किसी वाहन या टीवी या कार या मोटरसाइकिल का कौन सा मॉडल किन खूबियों के साथ आने वाला है इस प्रकार की रिपोर्टिंग बिज़नेस रिपोर्टर करते हैं।
फिल्म सिटी रिपोर्टर।
देश में फिल्म स्टारों का विशेष क्रेज रहता है। इस से संबंधित समाचार के लिए फिल्म सिटी रिपोर्टर बनाए जाते हैं खासकर मुंबई में यह रिपोर्टर देखने को मिलते हैं। इनमें वह पत्रकार शामिल होते हैं जिनकी फिल्में सिटी में अच्छी पकड़ के साथ फिल्मों के डायरेक्टर फाइनेंसरो फिल्म स्टारों से अच्छी जान पहचान होती है जिसके कारण वह फिल्म स्टारों के संबंध में। अंदर की खबर निकाल पाते हैं
विशेष संवाददाता
अलग से कवरेज के लिए अलग से पत्रकार बनाए जाते हैं जिन्हें उस विषय का विशेष संवाददाता कहा जाता है जैसे वर्तमान में देश में विश्व के सबसे बडे मेले कुंभ का आयोजन चल रहा है जिसके लिए सभी चैनलों एवं अखबारों द्वारा कुंभ विशेष संवाददाता नियुक्त किए जाते हैं जो कुंभ में पहुँचकर कुंभ की रिपोर्टिंग
कर रहे हैं
युद्ध के पत्रकार जिन्हें इमडेंड जर्नलिज्म कहते हैं इसमें वह पत्रकार आते हैं युद्ध क्षेत्र में जाकर रिपोर्टिंग करते हैं। इनके लिए इन्हें अपने बचाव हेतु प्रशिक्षण भी दिया जाता है। यह पत्रकार जिस स्थान पर युद्ध चलता है वहां जा कर रिपोर्टिंग
करते हैं। इसके लिए जिस देश में युद्ध चल रहा है उस देश की अनुमति से यह युद्ध स्थल पहुंचते हैऔर रिपोर्टिंग करते हैं इसमें सबसे खास बात यह होती है कि पत्रकारिता की यह विधा निष्पक्ष नहीं होती। यह एक पक्षीय होती है संबंधित पत्रकार जिस देश की तरफ से रिपोर्टिंग करते हैं। या करने जाते हैं उसके फेवर में रिपोर्टिंग करते हैं कई बार
कई देश रिपोर्टिंग़ सेन्सर कर देते हैं अर्थात रिपोर्टिंग करने से पहले उस देश के किसी निर्धारित व्यक्तियों की अनुमति से ही न्यूज उस स्थान से बाहर जाती है। लगातार जानकारी प्राप्त करने के लिए ताप्ति समन्वय से जुड़े रहे फालो जरूर करें।