चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 17 मार्च तक

बैतूल। रबी विपणन वर्ष 2025-26 अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन के लिए किसान पंजीयन का कार्य निरंतर चालू है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 17 मार्च निर्धारित है। साथ ही गेहूं के किसानों का पंजीयन 31 मार्च 2025 तक किया जाएगा। उन्होंने शेष बचे किसानों से पंजीयन कराए जाने की अपील की है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य चना का 5650 रुपए, मसूर का 6700 रुपए, सरसों का 5950 रुपए एवं गेहूं का 2425 रुपये प्रति क्विंटल है।
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि जिले में अभी तक कुल 9601 किसानों के पंजीयन हुए है, जिसमें से गेहूं में 7593, चना के 3075, मसूर-189 एवं सरसों-2733 किसानों के पंजीयन हुए है। किसानों के पंजीयन के लिए सभी तहसीलों को सम्मिलित करते हुए सहकारी समितियों के 78 पंजीयन केन्द्र बनाये गये है, जिनमें किसानों का निःशुल्क किसान पंजीयन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एमपी ऑनलाइन, कॉमन सर्विस सेन्टर के 187 कियोस्क सेंटरों के माध्यम से भी किसानों के सः शुल्क (प्रति किसान पंजीयन अधिकतम 50/-रुपये) पंजीयन की व्यवस्था है।
किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस
म.प्र. शासन द्वारा गेंहू उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय करने पर हमारे राज्य के किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस दिये जाने की घोषणा की गई है। इस तरह हमारे राज्य के किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने पर किसानों को प्रति क्विंटल 2600 रुपये के मान से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने जिले के किसानों से अपील की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त करने हेतु अविलंब अपने नजदीकी पंजीयन केन्द्र या एमपी ऑनलाईन, कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से या अपने मोबाईल से किसान मोबाईल एप के माध्यम से निर्धारित समयावधि के पूर्व किसान पंजीयन कराना सुनिश्चित कराने का कष्ट करें। उन्होंने कहा कि किसान पंजीयन कराने के लिए ई-गिरदावरी की अनिवार्यता नहीं है। किसान पंजीयन होने के उपरांत राजस्व विभाग द्वारा की जाने वाली ई-गिरदावरी के डेटा से ई-उपार्जन पोर्टल में रकबे का स्वतः मिलान एवं सत्यापन हो जाएगा। उक्त रकबे का राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए सत्यापन भी किया जाएगा।