भारत में जन्मी पहली मादा चीता ने कुनो में पांच शावकों को जन्म दिया
भारत के चीता पुनरुत्पादन अभियान में एक ऐतिहासिक सफलता मिली है क्योंकि मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में भारत में जन्मी पहली मादा चीता मुखी ने पाँच शावकों को जन्म दिया है। वन्यजीव विशेषज्ञ इसे हाल के इतिहास में भारत में जन्मी चीता द्वारा प्रजनन का पहला उदाहरण बता रहे हैं—जो देश में चीतों की एक स्थिर आबादी स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
33 महीने की मुखी का जन्म भारत में एक नामीबियाई मादा चीता के गर्भ से हुआ, जिसे प्रोजेक्ट चीता के तहत लाया गया था। यह एक महत्वाकांक्षी स्थानांतरण और पुनर्वनीकरण कार्यक्रम है जिसे 70 साल पहले भारत में विलुप्त हो चुकी इस प्रजाति को पुनर्स्थापित करने के लिए शुरू किया गया था।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस घटना को एक “ऐतिहासिक मील का पत्थर” बताते हुए कहा कि भारत में जन्मे चीते द्वारा सफल प्रजनन मजबूत अनुकूलन, अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घकालिक अस्तित्व की आशाजनक संभावनाओं का संकेत देता है। उन्होंने पुष्टि की कि मादा चीता और उसके पाँचों शावक स्थिर हैं और वन विभाग उन पर कड़ी निगरानी रख रहा है।
संरक्षणवादियों का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो स्थानांतरित चीतों के भारतीय आवासों में स्वस्थ एकीकरण को दर्शाता है तथा आत्मनिर्भर और आनुवंशिक रूप से विविध चीता आबादी के निर्माण के लिए नई आशा प्रदान करता है।
