BETUL NEWS : पूर्व जनपद अध्यक्ष के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,पंजाब, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी दी जाए गन्ना प्रोत्सा हन राशि : नरेंद्र पटेल
BETUL NEWS जिले में बड़ी संख्या में गन्ना उत्पादन करने वाले किसान सरकार की बेरुखी के चलते आर्थिक नुकसान उठाने को मजबूर हो रहे हैं। शुक्रवार को इन गन्ना किसानों ने पूर्व जनपद अध्यक्ष नरेंद्र पटेल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अन्य राज्यों की तर्ज पर एमपी में भी किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की मांग की। इसके साथ ही रेल्वे कारीडोर में जिन किसानों की भूमि रेल्वे द्वारा अधिग्रहित की जा रही है, उन किसानों को सरकारी मूल्य से आठ गुना मुआवजा राशि व किसान के परिवार में से एक सदस्य को रेल्वे में नौकरी देने का आग्रह किया गया है।
पूर्व जनपद अध्यक्ष नरेंद्र पटेल ने बताया कि अन्य प्रदेशों में केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य के अलावा प्रदेश सरकारें भी अपनी ओर से प्रोत्साहन या बोनस राशि देती है, लेकिन प्रदेश में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। इससे जिले के किसान आंदोलित हो रहे हैं और जल्द ही अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतर सकते हैं। किसानों के अनुसार मध्यप्रदेश में ही गन्ना उत्पादक किसानों को सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है। शुगर मिल से तो समर्थन मूल्य के दाम मिलते हैं पर सरकार को प्रोत्साहन राशि या बोनस देना चाहिए। यूपी, पंजाब सहित अन्य राज्यों में वहां की राज्य सरकारें भी अपनी ओर से बोनस राशि देती है, जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 50 रू. से 90 रु. तक मिल जाते हैं।
किसानों की मांग है कि पूरे प्रदेश के गन्ना किसानों को सरकार ने मदद देना चाहिए। इसके साथ ही किसानों ने म.प्र. में गन्ने की फसल को अधिसूची में तत्काल प्रभाव से शामिल करने, गन्ने की शुगर मापने का यूनिट बैतूल में लगाने की मांग भी प्रमुखता से उठाई। मांगों का निराकरण नहीं करने पर किसानों ने तय किया है कि जल्द एकजुट होकर धरना आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से राजबहादुर वर्मा, सुदामा हजारे, गोविंद हजारे, अशोक वर्मा, संजय वर्मा, भीम पटेल, अजय गंगारे, अतुल वर्मा, डॉ. हुड़े, राकेश गंगारे, रामे भारती, हरि नारे, ललित वर्मा, राजू राठौर, गबरू राठौर, योगेश वर्मा, अतुल वर्मा, आलोक वर्मा, संतोष पाल, अमरलाल, रघुनाथ, भोजराज, सुंदरलाल पवार, राम बिहारी वर्मा, शिवदयाल, संतोष पवार, गोविंद हजारे, आदि किसान मौजूद थे।