आमला सीट पर फिर होल्ड हुआ नाम,डिप्टी कलेक्टर के इस्तीफे की मंजूरी का इंतजार कर रही कांग्रेस, 88 की सूची में आमला को फिर छोड़ा
बैतूल। गुरुवार रात आई एमपी कांग्रेस की प्रत्याशियों की सूची में एक बार फिर हॉटेस्ट सीट बनी आमला विधानसभा को छोड़ दिया गया है। आरक्षित आमला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस ने अपनी इस दूसरी सूची में भी किसी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। इससे साफ है की कांग्रेस यहां से डिप्टी कलेक्टर निशा बागरे को प्रत्याशी बनाना तय कर चुकी है। उसे बस उनके इस्तीफे के मंजूरी का इंतजार है।
कांग्रेस चुनाव समिति की ओर से महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी की गई 88 उम्मीदवारों की सूची में आमला विधानसभा क्षेत्र को फिर छोड़ दिया गया है। इसे होल्ड पर रखने के यही मायने है की कांग्रेस यहां से निशा बांगरे को चुनाव मैदान में उतारेगी। उनके इस्तीफे को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा, कपिल सिब्बल के निशा के साथ आने से भी यह साफ हो गया है की पार्टी किसी भी सूरत में उनका इस्तीफा मंजूर कराने के लिए हर जोर आजमाइश में उनके साथ है।
बुधवार शीर्ष अदालत से मिले आदेश के बाद गुरुवार निशा ने अपने नया आवेदन हाईकोर्ट की डबल बेंच के सामने पेश किया है। जिस पर आज यानी शुक्रवार सुनवाई होगी। कांग्रेस और खुद निशा को उम्मीद है की अदालत के चौखट से उनके राजनीतिक भविष्य के लिए कोई रास्ता निकलेगा। भास्कर से चर्चा में निशा बांगरे ने कहा की सरकार अब भी उनका इस्तीफा रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। लेकिन वे सच्चाई के साथ है और जीत हमेशा सच्चाई की होती है।
28 अक्टूबर है डेडलाइन
निशा बांगरे के पास अपना इस्तीफा स्वीकार कराने के लिए निर्वाचन नामांकन के अंतिम दिन 28 अक्तूबर तक की समयावधि है। राजनैतिक प्रेक्षक मानते है की उनके इस्तीफे को मंजूर न करने की डेडलाइन भी यहीं तक है। अगर न्यायालयीन प्रक्रियाओं के रास्ते डिप्टी कलेक्टर के पक्ष में कोई रास्ता नही निकलता है तो नामांकन की तारीख बीत जाने के बाद उनका इस्तीफा अपने आप या यह कहें बेहद सरल तरीके से स्वीकार कर लिया जाएगा। उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने की यही रणनीति है।
हॉटेस्ट सीट बनी आमला
बैतूल की पांच विधानसभाओं में भाजपा गत 2018 के चुनाव में आमला की ही एकमात्र सीट जीत सकी थी। बाकी चार पर भाजपा का सफाया हो गया था। हमीदिया कॉलेज से एमबीबीएस और ग्वालियर कालेज से एमडी की डिग्री पाने वाले डॉक्टर योगेश पंडाग्रे ने यहां गत चुनाव में कांग्रेस के मनोज मालवे को 19 हजार 197 वोटों से शिकस्त दी थी। 76.6 फीसदी वोटिंग के बाद यहां पंडाग्रे को कुल वोटों का 46.2 फीसदी वोट शेयर मिला था। जबकि माल्वे यानी कांग्रेस का वोट शेयर यहां 34.1 रहा था। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राकेश माहले के यहां करीब 14 हजार वोटों की सेंधमारी करने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ था।
जानकार मानते है की इस बार निशा बागरे को आमला से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाना पार्टी के लिए बड़े फायदे का सौदा हो सकता है। निशा के जून से चल रहे इस्तीफा प्रकरण ने उन्हें वैसे ही लाइमलाइट में ला दिया है। ग्रामीण इलाकों से लेकर कस्बाई क्षेत्रों तक उनके हर कदम पर लोगो की नजर है। उनकी भोपाल यात्रा और वहां हुए हंगामे ,गिरफ्तारी, उन्हें मिले समर्थन ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया है। यही वजह है की आमला भी अब हॉट नहीं बल्कि हॉटेस्ट सीट बन गई है। बशर्ते निशा बागरे का इस्तीफा मंजूर हो जाए और कांग्रेस का बी फॉर्म उनके नाम पहुंच जाए।