बैतूल जिले में प्रशासनिक फेरबदल की आवश्कता
प्रदेश में भाजपा की लेकिन बैतूल जिले में कांग्रेस की सरकार चल रही
गगनदीप खेरे
बैतूल। विगत विधानसभा चुनाव 2018 में बैतूल जिले में पांच में से चार विधानसभा सीटे कांग्रेस के पाले में चली गई थी। कांग्रेस की सरकार भी बन गई थी। जिसके चलते पूरे बैतूल जिले में मैदानी अमला कांग्रेस की सरकार के हिसाब से बैठा था। कांग्रेस की सरकार 18 माह के कार्यकाल के बाद गिर गई थी। लेकिन बैतूल जिले में चार कांग्रेसी विधायक होने के कारण 2018 से 2023 के बीच जिले में कांग्रेस का पड़ला भारी रहा। जिसके चलते प्रदेश में भलई भाजपा की सरकार बैठ गई थी, लेकिन बैतूल जिले में कांग्रेस की सरकार ही चलती रही। जिले भर में अवैध कार्य जुआ, सट्टा, शराब जैसे अवैध कारोबार जम कर फले फूले और इसके भ्रष्टाचार के दबाव में अधिकारियों ने भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का जम कर दमन कर उपेक्षा की।
लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को अभुतपूर्व सफलता हासिल हुई है, और सारी अटकलो को झुटलाते हुए भाजपा पांच में से पांच सीटो पर जीत हासिल करने में सफल हुई। प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनी। लेकिन बैतूल जिले में पुराना ही प्रशासनिक अमला जमा हुआ है। जिसके कारण प्रदेश में भाजपा लेकिन बैतूल जिले में कांग्रेस की सरकार नजर आ रही है।
जिले में प्रशासनिक अधिकारी अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। भाजपा के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने बैतूल जिले से तुरन्त प्रशासनिक अमला बदलना चाहिए। जिससे की बैतुल जिले की बिगड़ी प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हो सके।