गुरु गोविंद सिंघजी के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा में हुआ गुरु का लंगर
मुलताई/ पवित्र नगरी के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में गुरु गोविंद सिंघजी का प्रकाश पर्व बुधवार को संगत ने उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब में संगत ने शबद कीर्तन किया। उसके उपरांत सामूहिक अरदास की गई ।
अरदास के उपरांत दोपहर एक बजे से गुरु का लंगर प्रारंभ हुआ। जिसने बड़ी संख्या में नागरिकों ने उपस्थित होकर भोजन प्रसादी ग्रहण की।वही बुधवार को संगत द्वारा किए जा रहे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साप्ताहिक पाठ का भी समापन हुआ। गुरुसिंघ सभा गुरुद्वारा के प्रधान सरदार जसबीर सिंघ ने बताया गुरु गोविंद सिंघजी सिखो के दसवे गुरु थे।
श्री गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान के उपरांत 11 नवंबर 1675 को श्री गुरु गोविंद सिंघजी गुरु बने थे। जो एक महान योद्धा चिंतक कवि थे। सन 1699 में बैसाखी के दिन गुरु गोविंद सिंघजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में सिख समाज के साथ खत्री और पंजाबी समाज के सदस्यों ने भी उपस्थिति दर्ज कराई।