जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में आदिवासी युवा प्रकोष्ठ ने सौंपा ज्ञापन
मुलताई। तहसील क्षेत्र के ग्राम चिचंडा में गुरुवार को ईसाई मिशनरियों से जुड़े व्यक्तियों द्वारा भोले भाले आदिवासी ग्रामीणों को इलाज के नाम पर ठीक किए जाने के बाद ईसाई धर्म से जोड़े जाने की योजना के मामले में ग्राम के युवक की सक्रियता से धर्मांतरण कराने वालो के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की गई थी। इसी मामले को लेकर शुक्रवार को गोंड समाज महासभा युवा प्रकोष्ठ के बैनर तले आदिवासी युवाओं ने महामहिम राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रभारी तहसीलदार को दिया गया।
दिए गए ज्ञापन में बताया कि आदिवासी समाज के के लोग भोले भाले तथा आर्थिक रूप से कमजोर होने के साथ ही शिक्षा का स्तर भी निम्न है तथा वे कृषि मजदूरी से जुड़े है। जिनके भोलेपन का फायदा उठाते हुए गुरुवार को मुंबई से आए पिता पुत्र तथा बैतूल के दो भाईयों ने ग्राम चिचंडा निवासी आदिवासी दंपत्ति के साथ मिलकर चिचंडा सहित आसपास के आदिवासी समाज के लोगो को बीमारियां ठीक करवाने हेतु बुलवाया था तथा उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाकर जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा था। ज्ञापन में बताया कि ईसाई मिशनरियों से जुड़े व्यक्तियों द्वारा बीमारी ठीक करने तथा आर्थिक लाभ का प्रलोभन देकर कई आदिवासियों को ईसाई धर्म में जोड़ने के प्रयास किए जा चुके तथा कई आदिवासी समाज के व्यक्तियों को ईसाई धर्म से जोड़ चुके है। ज्ञापन में बताया कि आदिवासी समाज के अपने मूलत: अस्तित्व को नष्ट करने का प्रयास कर रहे है तथा समाज की पारंपरिकता एवं संस्कृति को भी नष्ट करने के भरसक प्रयास हो रहे है। आदिवासी समाज के युवाओं ने समाज की संस्कृति तथा पारंपरिक धरोहर की रक्षा हेतु उचित कठोर प्रयास करने की आवश्यकता होने तथा महामहिम से उक्त प्रकरण को गंभीर से लेने की अपील की है।
धर्मांतरण कराने के मामले के आरोपियों को न्यायालय में किया पेश
ग्राम चिचंडा में भोले भाले आदिवासियों को बीमारियां ठीक कराने के बहाने ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाने वाले मुंबई निवासी फ्रांसिस गंडामन, जयस गंडामान, बैतूल के गणेश पिता मधुकर अतुलकर,रमेश पिता मधुकर अतुलकर तथा चिचंडा निवासी मनोज वरकड़े तथा सुखवंति को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया।