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BETUL की कोयला खदान में हादसा: 3.5 किमी गहराई में दबे कर्मचारी, जिंदगी बचाने की जंग जारी

बैतूल – वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) की पाथाखेड़ा स्थित छतरपुर-1 कोयला खदान में गुरुवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। खदान में करीब 3.5 किलोमीटर अंदर, माइनिंग सेक्शन में काम कर रहे 4 कर्मचारी अचानक ढही छत के मलबे में दब गए। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई और बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है।

खदान में मलबे के नीचे दबे कर्मचारियों में माइनिंग सरदार, ओवरमैन और सेक्शन इंचार्ज शामिल हैं। यह सेक्शन कोलकाता की जॉय माइनिंग सर्विसेज कंपनी के अंतर्गत आता है, जहां अत्याधुनिक ऑस्ट्रेलियाई मशीनें काम कर रही थीं।

घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और एसपी निश्चल एन झरिया भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। एसपी झरिया ने बताया कि अब तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं।

खदान के भीतर से जिंदगी की पुकार

रेस्क्यू टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है – 3.5 किलोमीटर लंबा संकरा रास्ता, जहरीली गैसें और हर पल ढहती कमजोर छत। राहत और बचाव दल अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से कर्मचारियों तक पहुंचने की कोशिश में जुटा है। हर गुजरता सेकंड उम्मीद और चिंता के बीच झूल रहा है।

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