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पाराखाती में शिवरात्रि के दिन शिव महापुराण कथा का हुआ समापन

दुनावा। आराधना के विशेष दिन महाशिवरात्रि पर्व पर शुक्रवार को धर्म नगरी दुनावा इस बार शिव आराधना में लीन रही। जिसके लिए विभिन्न समितियां ने तैयारी की गई थी। आयोजन को लेकर पहले से विशेष तैयारी को अंतिम रूप दिया गया था। उल्लेखनीय है कि पाराखाती (दुनावा) में मंदिर जिर्णोद्धार समिति द्वारा परम पूज्य आलोक भूषण महाराज (प्रयागराज) के मुखारविंद से नव दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया था। कथा का समापन शिवरात्रि के दिन हवन पूजन और भंडारा प्रसादी के साथ हुआ। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां एक अनंत गुफा है माना जाता है कि यह गुफा पाराखाती से शुरू होकर बड़ा महादेव चौरागढ़ पर खत्म होती है। पाराखाती में 21 फीट की प्राकृतिक शिवलिंग भी है, वही पहाड़ी के ठीक सामने पंचमुखी पेड़ है जिसमें बड़, पाखंड ,पीपल, गूलर और आँक के पेड़ सम्मिलित है जहां श्रद्धालु पूजा कर अपनी मन्नत मांगते हैं । वही सामने स्थित नदी के उस पार मेला लगाया जाता है। पाराखाती में दुनावा, सर्रई ,दुनाई, मायावाड़ी ,खल्ला, मुलताई मैंनीखापा, लावाघोगरी पांढुर्णा की ओर से और महाराष्ट्र से काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने शिवरात्रि पर पहुंचते हैं। पाराखाती में शुक्रवार को शिव महापुराण कथा की समाप्ति पर पाराखाती जिर्णोद्धार समिति सहित अन्य कई समितियों द्वारा दिनभर भंडारा प्रसादी का वितरण किया गया।

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