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विधायक चंद्रशेखर देशमुख के प्रयासों से रिधोरा सिरकुंड लघु सिंचाई योजना को मिली स्वीकृति

मुलताई; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प और किसानों की आय बढ़ाने के साथ कृषि क्षेत्र में सिंचाई के रकबे बढ़ाने और जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति प्रतिबद्ध मुलताई विधानसभा के लोकप्रिय विधायक चंद्रशेखर देशमुख द्वारा नए कार्यकाल में नए नए विकास कार्य को क्षेत्र की जनता के लिए लाया जा रहा हैं। विधायक चंद्रशेखर देशमुख के प्रयासों से सिंचाई के क्षेत्र में एक महत्वाकांक्षी योजना रिधोरा सिरकुंड लघु सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति रुपए 1209.96 लाख मध्यप्रदेश शासन से प्राप्त हुई हैं। जिससे मुलताई विकासखंड के तीन गांव रिधोरा, छिंदी,सेंद्रेया और आमला विकासखंड का एक गांव सिरकुंड (बस्ती नहीं है) को लाभ मिलेगा। भाजपा मीडिया प्रभारी राघवेंद्र रघुवंशी ने बताया कि विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने उक्त क्षेत्र के किसानों की कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए जल न उपलब्ध होने से संबंधित समस्या से जल संसाधन विभाग मुलताई को अवगत कराया था। जल संसाधन विभाग मुलताई से मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार इस महत्वाकांक्षी योजना से कुल 520 हेक्टेयर यानी 1285 एकड़ में सिंचाई के लिए पानी एकत्रित होगा। इस योजना की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होकर निर्माण एजेंसी का निर्धारण हो चुका हैं। निर्माण एजेंसी को 15 महीने के भीतर बांध कार्य पूर्ण करने के आदेश कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग मुलताई द्वारा दिया जा चुका हैं। इस योजना के निर्माण कार्य का अनुबंध 12/03/2024 को हो चुका हैं। अनुबंध राशि रुपए 572.91 लाख हैं।बांध के डूब क्षेत्र में सेंद्रेया मोरखा रोड डूब में प्रभावित होने के कारण उक्त क्षेत्र में पुलिया एवं सड़क का भी निर्माण कार्य टेंडर में शामिल हैं। उक्त बांध निर्माण हेतु भू अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। जिसमें ग्राम रिधोरा, सेंद्रेया, छिंदी, सिरकुंड की जमीन डूब में प्रभावित होगी। डूब से प्रभावित जमीन के लिए मुआवजा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। मुआवजा राशि वर्तमान प्रचलित कलेक्टर गाइडलाइन पर 2 गुना प्रदान की जाएगी। डूब क्षेत्र का रकबा ग्राम रिधोरा का 26.380 हेक्टेयर, ग्राम सिरकुंड का 26.380 हेक्टेयर, ग्राम सेंद्रेया का 16.92 हेक्टेयर और ग्राम छिंदी का 17.88 हेक्टेयर हैं। इस प्रकार कुल 87.56 हेक्टेयर का रकबा डूब क्षेत्र में आने की संभावना है।

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